पूर्वी लद्दाख पर बोले CDS जनरल रावत, चीन ने सोचा ताकत के बल पर पीछे कर देगा लेकिन मनमानी चली नहीं
नई दिल्ली, अप्रैल 15। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने पूर्वी लद्दाख में बीते एक साल से चीन के साथ तनाव को लेकर कहा है कि भारत उत्तरी सीमा पर मजबूती के साथ खड़ा है और उसे पीछे नहीं धकेला जा सकता है। जनरल रावत नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग 2021 में बोल रहे थे।
वर्चुअल सम्मेलन में बोलते हुए जनरल रावत ने कहा चीन एकतरफा बदलाव की कोशिश कर रहा था। उसने सोचा कि वह थोड़ी ताकत दिखाकर अपनी मांग मनवाने के लिए विवश कर देगा क्योंकि उसके पास ताकतवर सेना और टेक्नोलॉजी में बढ़त हासिल है लेकिन भारत मजबूती से खड़ा रहा और ये साबित कर दिया कि किसी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
भारत
ने
हासिल
किया
समर्थन-
सीडीएस
चीफ
ऑफ
डिफेंस
स्टॉफ
ने
कहा
कि
भारत
ने
यथास्थिति
को
बदलने
के
चीन
के
प्रयासों
के
खिलाफ
मजबूती
से
खड़े
होकर
अंतरराष्ट्रीय
समर्थन
को
जुटाने
में
भी
सफल
रहा।
सीडीएस ने कहा उन्होंने (चीन) यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि वे बिना शक्ति का इस्तेमाल किए ध्वंसात्मक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके यथास्थिति को बदल देंगे। उन्होंने सोचा कि उनके पास तकनीकी बढ़त है और हम पर जो दबाव डाल रहे हैं उसके चलते एक राष्ट्र के रूप में भारत झुक जाएगा।
जनरल रावत ने कहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के समर्थन में यह कहने के लिए खड़ा हुआ कि हां, एक अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था है जिसका सभी देशों को पालन करना चाहिए। यह ऐसी चीज है जिसे हम हासिल कर रहे हैं।
एक
साल
से
चल
रहा
गतिरोध
भारत
और
चीन
के
बीच
पिछले
साल
मई
से
ही
पूर्वी
लद्दाख
के
कई
क्षेत्रों
में
गतिरोध
चल
रहा
है
जिसके
चलते
दोनों
के
बीच
द्विपक्षीय
संबंध
निचले
स्तर
पर
पहुंच
गए
हैं।
दोनों देशों के बीच अब तक 11 दौर की सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है। 9वें दौर की वार्ता के बाद फरवरी में दोनों देशों ने पैंगोंग त्सो झील के इलाके में सैनिकों को वापस बुलाया था। बीते 9 अप्रैल को 11वें दौर की वार्ता में दोनों देशों ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स समेत शेष तनाव वाले क्षेत्रों में डि-एस्केलेशन को लेकर वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई थी।
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