CBSE ने दिल्ली हाईकोर्ट को कहा, 'मैथ्स का पेपर दोबारा न कराने का फैसला इसपर आधारित था'
केंद्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 10वीं कक्षा की मैथ्स की परीक्षा को दोबारा न कराने का फैसला ट्रेंड एनालिसिस पर आधारित था। सीबीएसई ने कहा कि मैथ्स के कथित लीक पेपर को दोबारा न कराने का फैसला साइंस, मैथ्स और इंग्लिश के पेपर के ट्रेंड एनालिसिस को लेने के बाद लिया गया
नई दिल्ली। केंद्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 10वीं कक्षा की मैथ्स की परीक्षा को दोबारा न कराने का फैसला ट्रेंड एनालिसिस पर आधारित था। सीबीएसई ने कहा कि मैथ्स के कथित लीक पेपर को दोबारा न कराने का फैसला साइंस, मैथ्स और इंग्लिश के पेपर के ट्रेंड एनालिसिस को लेने के बाद लिया गया था। इसके साथ ही सीबीएसई ने ये भी कहा कि वो एक छात्र के कारण लाखों छात्रों को मुश्किल में नहीं डाल सकता।
सीबीएसई ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट को 10वीं कक्षा की मैथ्स की परीक्षा दोबारा न कराने के फैसले पर जवाह दिया है। सीबीएसई ने कहा कि परीक्षा ने लेने का फैसला साइंस, मैथ्स और इंग्लिश के पेपर पर ट्रेंड एनालिसिस लेने के बाद लिया गया है। सीबीएसई ने कहा कि ये फैसला सोच समझकर लिया गया है और वो दोबारा परीक्षा के पक्ष में खड़े एक छात्र के कारण लाखों छात्रों को मुश्किल में नहीं डाल सकता। दिल्ली हाईकोर्ट में फैसले की सुनवाई कर रही बेंच ने छात्रके वकील से पूछा कि वो क्यों मैथ्स की परीक्षा का दोबारा आयोजन करवाना चाहता है।
बेंच ने वकील को पूछा कि उसे छात्र को कोर्ट में बुलाना चाहिए क्योंकि कोर्ट जानना चाहता है कि आखिर क्यों छात्र दोबारा परीक्षा के पक्ष में है।
बता दें कि सीबीएसई पेपर लीक के बाद एक याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाल 10वीं कक्षा के मैथ्स के पेपर को दोबारा कराने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि पेपर लीक होने के बावजूद क्यों मैथ्स की परीक्षा का दोबारा आयोजन नहीं हो रहा है। सीबीएसई ने 10वीं की मैथ्स की परीक्षा दोबारा आयोजित कराने से मना कर दिया है, लेकिन 12वीं कक्षा की इकोनॉमिक्स की परीक्षा 25 अप्रैल को होनी है।
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