CBSE ने सिलेबस से हमेशा के लिए हटाए 'नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता' जैसे महत्वपूर्ण सब्जेक्ट, जानिए और भी बहुत कुछ
नई दिल्ली। देश-दुनिया में फैली महामारी कोरोना वायरस से हर वर्ग के लोग प्रभावित हुए हैं। कोरोना वायरस से ना सिर्फ जानमाल का नुकसान हो रहा है बल्कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। भारत में मार्च के महीने से ही स्कूल-कॉलेजों को अनिश्चितकाल तक के लिए बंद कर दिया गया और कई जरूरी परीक्षाओं को भी स्थगित करना पड़ा। हालांकि अब देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है ऐसे में उम्मीद है कि स्कूल जल्द खुल जाएंगे।
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सीबीएसई के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को नहीं पढ़ने होंगे ये विषय
इस बीच महामारी के दौर में बच्चों पर से पढ़ाई का बोझ हल्का करने के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों का सिलेबस 30 प्रतिशत कम कर दिया है। इस दौरान बच्चों को स्कूल में सिर्फ जरूरी विषयों का ही अध्ययन करना होगा। केंद्र के निर्देश के बाद सीबीएसई ने पाठ्यक्रम में लोकतांत्रिक अधिकार, फूड सिक्योरिटी, संघवाद, नागरिकता और निरपेक्षवाद जैसे अहम चैप्टर हटा दिए हैं।
मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस को हटाया गया
सीबीएसई के सिलेबस में से इन विषयों को हटाए जाने के बाद से शिक्षा संस्थानों से जुड़े और इन विषयों के कई जानकारों, विशेषज्ञों ने इसका विरोध भी किया है। जानकारों के मुताबिक पाठ्यक्रम में सीबीएसई द्वारा की गई इस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। सरकार के फैसले के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इन सभी अध्यायों को अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है।
कौन-कौन से विषय पूरी तरह हटाए गए
बता दें कि सीबीएसई के सिलेबस में यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आने वाले एक वर्ष के दौरान कक्षा नौ से 12वीं तक के इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस विषयों को रिवाइज जाएगा। इसमें कक्षा 11वीं के राजनीति विज्ञान विषय से संघवाद, नागरिकता, राष्ट्रवाद और निरपेक्षवाद जैसे अध्यायों को पूरी तरह हटा दिया गया है। वहीं, लोकल गवर्नमेंट चैप्टर से सिर्फ दो यूनिट हटाए गए हैं।
कक्षा 12वीं के राजनीति विज्ञान हटे ये चैप्टर्स
कक्षा 12वीं के राजनीति विज्ञान सब्जेक्ट की बात करें तो बोर्ड ने सिलेबस से 'समकालीन दुनिया में सुरक्षा','पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन', 'भारत में सामाजिक और नए सामाजिक आंदोलन' और 'क्षेत्रीय आकांक्षाएं' जैसे चैप्टर्स को तो पूरी तरह से हटा दिया गया है। वहीं नियोजित विकास चैप्टर से भी दो यूनिट (भारत के आर्थिक विकास की बदलती प्रकृति और योजना आयोग और पंचवर्षीय योजनाएं) को सीबीएसई द्वारा हटा दिया गया है।
कक्षा 9वीं के सिलेबस से गायब हुए ये अध्याय
इसके अलावा सीबीएसई ने भारत के विदेशी देशों से रिश्तों पर मौजूदा चैप्टर से शैक्षणिक वर्ष के लिए 'भारत के अपने पड़ोसियों के साथ संबंध: पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार' टॉपिक को हटा दिया है। वहीं, कक्षा 9वीं के पॉलिटिकल साइंस सब्जेक्ट से लोकतांत्रिक अधिकार और भारतीय संविधान की संरचना विषय को हटा दिया गया है। इसके अलावा छात्रों को इकोनॉमिक्स के सिलेबस में भारत में खाद्य सुरक्षा चैप्टर को भी नहीं पढ़ना पड़ेगा।
विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
कक्षा 10वीं के सिलेबस से 'लोकतंत्र और विविधता', 'जाति, धर्म और लिंग' और 'लोकतंत्र को चुनौती' जैसे चैप्टर्स को हटा दिया गया है। एक तरफ जहां सिलेबस में कटौती से बच्चे खुश हैं वहीं कुछ जानकार और विशेषज्ञों ने इसका विरोध भी किया है। NCERT के पूर्व डायरेक्टर कृष्ण कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा, किताबों से चैप्टर्स को हटाकर बच्चों के पढ़ने और समझने के अधिकार को छीना जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सीबीएसई ने जिन अध्यायों को हटाया है उसमें अंतर्विरोध है।
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