CBSE Paper leak: एग्जाम के 14 दिन पहले आया था पुलिस के पास पेपर लीक का कॉल, उन्हें लगा कोई शरारत है
नई दिल्ली। सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के पेपर लीक की जानकारी दिल्ली पुलिस को परीक्षा के दो दिन पहले 13 मार्च मिल गई थी। लेकिन पुलिस ने लापरवाही करते हुए मामले को गंभीरता से नहीं लिया। 13 मार्च को रोहिणी के पुलिस कंट्रोल रूम में फोन आया था कि जिसमें कहा गया था कि 12वीं का एकाउंटेंसी का पेपर लीक किया जा रहा है। कॉल करने वाले शख्स ने पुलिस को बताया था कि उसके ट्यूशन में पढ़ने वाले दोस्त ने चार हजार रूपये में प्रश्नपत्र ऑफर कर रहा है।
व्हाट्सऐप पर सर्कुलेट हुआ पेपर
डीसीपी (रोहिणी) रजनीश गुप्ता ने कहा, 'जिसने कॉल किया था उसका मोबाइल फोन अब स्वीच ऑफ जा रहा है और उसके सिम कार्ड के लिए दिया गया पता अधूरा है। ऐसे में यह शिकायत बिना किसी जांच के ही छोड़ दी गई।' 15 मार्च को परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट पहले ही व्हाट्सऐप पर एकाउंट्स के पेपर्स के 10 पेज सर्कुलेट होने लगे। जो फोटो व्हाट्सऐप पर सर्कुलेट किया जा रहा था वह एकाउंट्स का सेट-2 के पेपर से काफी अधिक मेल खा रहा था। लीक की पुष्टि दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने की।
सीबीएसई को 23 मार्च को लीक का फैक्स आया था
लेकिन, सीबीएसई ने इस लीक को खारिज कर दिया। बोर्ड ने कहा कि सभी प्रश्नपत्रों सील बंद पाए गए थे। ऐसे में पेपर कैसे लीक हो सकता है। पुलिस ने बताया कि सीबीएसई को 23 मार्च को 4:22 बजे एक फैक्स आया था। तब उन्हें लगा कि यह किसी की शरारत हो सकती है। अज्ञात द्वारा भेजे गए इस फैक्स में यह बताया गया कि पेपर लीक में शामिल शख्स कोचिंग सेंटर का मालिक है जो सेंट्रल दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में कोचिंग चलाता है। फैक्स भेजने वाले शख्स ने राजेन्द्र नगर के दो स्कूलों का नाम भी बताया जो इस लीक में शामिल थे।
सीबीएसई को लगा कोई कोचिंग मालिक को फंसाना चाहता है
यह शिकायत अगले दिन सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय मे भेज दी गई। सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर ने पुलिस के दिए अपने स्टेटमेंट में बताया कि, उसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय ने शिकायत को व्हाट्सएप के जरिए पुलिस इंस्पेक्टर को भेज दी। इस मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि सीबीएसई अधिकारियों को शुरूआत में ऐसा लगा कि यह किसी की शरारत और अफवाह है। उन्होंने सोचा था कि कोई कोचिंग के मालिक को फंसाना चाहता है, इसलिए ये फैक्स भेज रहा है।
ट्विटर पर शेयर होने लगे थे लीक पेपर
उधर, दिल्ली में स्टूडेंट्स को 12वीं के इकॉनोमिक्स के पेपर परीक्षा से एक दिन पहले ही 26 मार्च को मिलने लगे। उसी दिन शाम को छह बजे एक लिफाफा दिल्ली के राउज एवेन्यू में सीबीएसई एकेडमिक यूनिट को मिला। जिन लोगों ने इस कथित लीक को लोगों के सामने लेकर आए उनमें से एक थे रविन्द्र झा। झा ने इकॉनोमिक्स के प्रश्नपत्र को 26 मार्च की सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर फोटो खींचकर ट्विटर पर डाले थे।