कहां-कहां से हो सकता है परीक्षा का पेपर लीक
सीबीएसई बोर्ड की गणित और अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा होने को लेकर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की. प्रकाश जावड़ेकर ने कांफ्रेंस में कहा, ''यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. मैं बच्चों और माता-पिता की परेशानियों को समझता हूं. जो भी इस पेपर लीक में शामिल होगा उसे बख़्शा नहीं जाएगा. पुलिस जल्द ही अपराधियों को पकड़ लेगी.''
सीबीएसई बोर्ड की गणित और अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा होने को लेकर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की.
प्रकाश जावड़ेकर ने कांफ्रेंस में कहा, ''यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. मैं बच्चों और माता-पिता की परेशानियों को समझता हूं. जो भी इस पेपर लीक में शामिल होगा उसे बख़्शा नहीं जाएगा. पुलिस जल्द ही अपराधियों को पकड़ लेगी.''
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पर उन्हें पूरा विश्वास है. सीबीएसई की व्यवस्था काफ़ी चुस्त है, लेकिन इस घटना से इस पर दाग लगा है. इस मामले पर आंतरिक जांच भी हो रही है. पेपर लीक के खिलाफ कड़े नियम बनाए जाएंगे.
साथ ही उन्होंने पेपर लीक पर सनसनी न फैलाने की सलाह भी दी.
आज परीक्षा की अगली तिथि सामने आने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन जावड़ेकर ने बताया कि परीक्षा कब होगी इसका फ़ैसला सीबीएसई करेगी.
बता दें कि 10वीं की गणित की परीक्षा 28 मार्च को हुई थी. लेकिन, परीक्षा खत्म होने के घंटे भर के भीतर ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने ये परीक्षा दोबारा कराने का एलान किया.
वहीं, 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा भी दोबारा कराने की बात कही गई जो 26 मार्च को हुई थी.
इसके पीछे की वजह पेपर लीक होना बताया जा रहा है. हालांकि, सीबीएसई ने अपनी प्रेस रिलीज में पेपर लीक होने का ज़िक्र नहीं किया.
सीबीएसई ने कहा, "परीक्षाओं के दौरान कुछ गड़बड़ी की सूचना पर बोर्ड ने संज्ञान लिया है. बोर्ड की प्रतिबद्धता कायम रखने और छात्रों के हित में परीक्षा दोबारा लेने का फ़ैसला किया गया है."
इसके बाद बुधवार को प्रकाश जावड़ेकर मीडिया के सामने आए थे. उन्होंने पेपर लीक की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि पूरे मामले की आंतरिक जांच चल रही है और सोमवार से एक नई व्यवस्था लाई जाएगी ताकि पेपर लीक का मामला दोबारा न हो.
सवाल ये उठता है कि पेपर बनने से लेकर छात्रों तक पहुंचने तक सीबीएसई प्रश्न पत्र को कितनी और कैसी सुरक्षा मिलती है? आखिर कहां-कहां से पेपर लीक हो सकता है?
स्कूल तक कैसे पहुंचते हैं प्रश्न पत्र?
दिल्ली के बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल की प्रिंसिपल संतोष आहूजा के मुताबिक स्कूल तक प्रश्न पत्र बैंक से लाए जाते हैं.
बीबीसी को उन्होंने बताया, ''बैंक में प्रश्न पत्र सीबीएसई द्वारा पहुंचाए जाते हैं. जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होती है उस दिन सुबह स्कूल के प्रतिनिधि, बैंक प्रतिनिधि और सीबीएसई के प्रतिनिधि तीनों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र को बैंक के लॉकर से निकाला जाता है.''
संतोष आहूजा के मुताबिक जिस स्कूल को बोर्ड की परीक्षा का सेंटर बनाया जाता है, बैंक उस स्कूल के काफ़ी क़रीब होते हैं. ऐसे बैंक को कस्टोडियन बैंक कहा जाता है.
कस्टोडियन बैंक कौन सा होगा, इसका चुनाव भी सीबीएसई ही करती है और इसकी सूचना स्कूल को भेज दी जाती है.
प्रश्न पत्र बैंक से निकल कर जब स्कूल तक पहुंचते हैं, तो रास्ते में उस गाड़ी में एक सुरक्षा गार्ड, एक सीबीएसई का प्रतिनिधि और एक स्कूल का प्रतिनिधि होता है.
बोर्ड की परीक्षा शुरू होने से ठीक आधे घंटे पहले स्कूल प्रिंसिपल, बोर्ड के हेड एग्ज़ामिनर और परीक्षा में निगरानी के लिए शामिल होने वाले शिक्षकों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र को खोला जाता है.
इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी भी की जाती है और तुरंत सीबीएसई को भेजा जाता है.
हर मौके पर इस बात का खास ख़्याल रखा जाता है कि प्रश्न पत्र की सील खुली न हो.
फिर क्लास रूम में शिक्षक प्रश्न पत्र बांटने के लिए निकलते हैं और तय समय पर घंटी बजने के बाद हर क्लास में एक साथ एक समय पर प्रश्न पत्र बंटना शुरू होता है.
हालांकि, ये पूरी प्रक्रिया परीक्षा शुरू होने के दो घंटे पहले शुरू होकर ख़त्म हो जाती है.
जबकि दावा ये किया जा रहा है कि 12वीं का अर्थशास्त्र और 10वीं का गणित का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर परीक्षा वाले दिन से पहले ही लीक हो गया था.
यानी प्रश्न पत्र सेट होने से बैंक तक पहुंचने के बीच ही सारा खेल हुआ है.
कैसे तैयार होता है प्रश्न पत्र
प्रश्न पत्र तैयार करने की प्रक्रिया हर साल जुलाई और अगस्त में शुरू होती है.
प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए सीबीएसई हर साल हर विषय के लिए तीन या चार विशेषज्ञों का चयन करती है. इन विशेषज्ञों में कॉलेज और स्कूल के टीचर्स शामिल होते हैं.
हर प्रश्नपत्र के तीन सेट बनाए जाते हैं. ये टीचर्स इन प्रश्नपत्रों को एक सील बंद लिफ़ाफ़े में में बोर्ड को भेजते हैं.
इसके बाद एक उच्च स्तरीय समिति इस बात की जांच करती है कि प्रश्न पत्र बोर्ड के मानकों के अनुसार है या नहीं. इस समिति में विश्वविद्यालय व स्कूल के टीचर्स और प्रिंसिपल शामिल होते हैं.
ये समिति हर विषय के अलग-अलग सेट को अंतिम रूप से चुनती है और इसके बाद सीबीएसई को सील बंद कॉपियां भेज दी जाती हैं.
कितने प्रश्न पत्र बनाये जाते हैं
दिल्ली के स्कूलों, दिल्ली के बाहर के स्कूलों और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त भारत के बाहर के स्कूलों के लिए प्रश्न पत्र के अलग-अलग तीन सेट बनाये जाते हैं.
ऐसे तो सभी सेट के सवाल लगभग एक जैसे होते हैं, लेकिन उनका क्रम अलग-अलग होता है. जैसे जहां एक सेट में कोई सवाल पहले नंबर है तो दूसरे सेट में पांचवे नंबर पर हो सकता है. हालांकि, सभी सेट्स एक समान मुश्किल होते हैं.
प्रश्न पत्र कैसे गोपनीच रखे जाते हैं
प्रश्न पत्र तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान इतनी गोपनीयता रखी जाती है कि प्रश्न पत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञों को ही नहीं पता होता कि उनका प्रश्न पत्र परीक्षा में इस्तेमाल होने वाला है.
भारत से बाहर लोग परेशान
दोबारा पेपर होने की ख़बर आने के बाद भारत से बाहर के लोग भी परेशान दिखे. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि भारत में पेपर में गड़बड़ी होने पर बाहर का पेपर रद्द होगा या नहीं.
कुछ लोग छुट्टियों में बाहर जाने की भी योजना बना रहे थे, लेकिन अब उन्हें कैंसल करना पड़ा.
एक यूजर श्रुति ने लिखा है, ''मैं दुबई से 12वीं क्लास की छात्रा हूं. आप कह रहे हैं कि अर्थशास्त्र का पेपर परीक्षा के आधे घंटे पहले लीक हो गया. आप कैसे सोच सकते हैं कि ये दुनिया भर में 30 मिनट में पहुंच जाएगा. मुझे दोबारा बोर्ड परीक्षा देने की क्यों ज़रूरत है?''
https://twitter.com/SruthichakraS/status/979083218656915456
'रॉकिथ' कहते हैं, ''मैं दुबई से हूं. क्या मुझे दोबारा पेपर देना चाहिए?''
https://twitter.com/Rokith20/status/979076639643652096
एक और यूजर 'एंड्रयू' ने लिखा है, ''मेरा परिवार और मैं बहरीन में रहते हैं और हम अपनी छोटी बेटी की दसवीं की परीक्षा के बाद लौटने की सोच रहे थे. दिल्ली में पेपर लीक होने से जीसीसी के छात्र क्यों प्रभावित होने चाहिए?''
https://twitter.com/Andy_earlyriser/status/979002852390658050
ये भी पढ़ें :
पेपर लीक पर CBSE के इस फ़ैसले से लाखों छात्रों की उड़ी नींद
म्यांमार की आग में क्यों झुलस रहे हैं श्रीलंका के मुसलमान?
बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन क्यों गायब रहे पौने दो लाख छात्र
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)