CBSE Exams 2021: प्रियंका गांधी ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र, बोलीं- 10-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करें
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर तेजी से अपना पैर पसार रही है, रोजाना एक लाख से अधिक नए संक्रमित मामलों ने केंद्र और राज्य सरकारों की परेशानी बढ़ा दी है। हालात पहले से कहीं ज्यादा खराब हैं ऐसे में 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। छात्रों के माता-पिता की इन्हीं चिंताओं को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पत्र के माध्यम सर सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की। बता दें कि निर्धारित शेड्यूल के हिसाब से 4 मई 2021 से परीक्षाएं शुरू होंगी।
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प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर हैंडल पर एक पत्र साझा किया है जिसमें उन्होंने आगामी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों की चिंता को उजागर किया। लेटर को शेयर करते हुए प्रियंका ने कैप्शन में लिखा, 'देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छात्रों व उनके अभिवावकों ने CBSE परीक्षा 2021 को लेकर कुछ वाजिब चिंताएं जाहिर की हैं।' बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह पत्र केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' लिखा है। अपने पत्र में कांग्रेस नेता ने कोरोना के अलावा सीबीआसई परीक्षा 2021 को लेकर कुछ वाजिब चिंताएं जाहिर की हैं।
देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छात्रों व उनके अभिवावकों ने CBSE परीक्षा 2021 को लेकर कुछ वाजिब चिंताएं जाहिर की हैं।
My letter to the Minister of Education @DrRPNishank asking him to reconsider allowing the CBSE to conduct board exams under the prevailing COVID wave. pic.twitter.com/Ai4Zl796il
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 11, 2021
प्रियंका गांधी ने अपने लेटर में लिखा, कोरोना काल में परिछाओं को लेकर छात्रों के माता-पिता चिंतित हैं। परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक रूप से यह असंभव है। महामारी से खतरा सिर्फ छात्रों को नहीं बल्कि शिक्षकों, निरीक्षकों और परिवार के सदस्यों के लिए भी जोखिम बना रहे हैं। जैसा कि अन्य राज्य सख्त कदम उठाते हुए अपने प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों को बंद कर रहे हैं, फिर हम बच्चों को ऐसा करने के लिए मजबूर कर किस नैतिक आधिर पर खड़े हो सकते हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उग्र महामारी के दौरान बच्चों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर करके, किसी भी परीक्षा केंद्र को कोविड हॉटस्पॉट बनने का जिम्मेदार सरकार और सीबीएसई को ठहराया जाएगा। वर्तमान परिस्थिति को समझते हुए सरकार से अनुरोध है कि वह परीक्षाओं को रद्द करें।
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