CBI vs CBI: कोर्ट ने जांच टीम से पूछा- राकेश अस्थाना का लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों नहीं कराया?
नई दिल्ली। सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर कथित भ्रष्टाचार मामले में बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई बनाम सीबीआई के इस चर्चित भ्रष्टाचार केस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जांच एजेंसी को राकेश अस्थाना का लाई डिटेक्टर टेस्ट ना कराने पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने जांच टीम से पूछा है कि राकेश अस्थाना का लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों नहीं कराया गया? मामले की अगली सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी।
राकेश अस्थाना पर कथित भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही टीम से बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केस डिटेल को लेकर पूछताछ की। कोर्ट ने कहा कि जांच टीम ने राकेश अस्थाना का झूठ पकड़ने के लिए उनका कोई टेस्ट क्यों नहीं किया। लाई डिटेक्टर टेस्ट ना सही लेकिन साइकोलॉजिकल टेस्ट क्यों नहीं कराया गया? मामले की सुनवाई के अंत में कोर्ट ने केस की डायरी रख ली है, न्यायाधीश ने कहा कि हम डिटेल स्टडी करेंगे कि केस की जांच कर रही टीम ने किस तरह से जांच की है।
CBI
ने
राकेश
अस्थाना
को
दी
थी
क्लीन
चिट
सीबीआई
ने
घूसखोरी
मामले
में
दुबई
के
कारोबारी
और
कथित
बिचौलिये
मनोज
प्रसाद
के
खिलाफ
दिल्ली
की
विशेष
कोर्ट
में
चार्जशीट
दायर
की।
इस
मामले
में
सीबीआई
के
पूर्व
विशेष
निदेशक
राकेश
अस्थाना
का
भी
नाम
शामिल
था,
लेकिन
एजेंसी
ने
अस्थाना
को
क्लीन
चिट
दी
थी।
सीबीआई
अधिकारियों
ने
बताया
कि
कोई
साक्ष्य
नहीं
है
जो
दिखाता
है
कि
अस्थाना
ने
कभी
धनशोधन
मामले
में
शिकायतकर्ता
सतीशबाबू
को
बचाने
के
लिए
कोई
रिश्वत
मांगी
या
दी।
यह
घूसखोरी
मामला
विवादास्पद
मीट
निर्यातक
मोइन
कुरैशी
से
जुड़ा
है।
सीबीआई
ने
यह
भी
निष्कर्ष
निकाला
कि
अस्थाना
और
प्रसाद
के
बीच
कोई
संबंध
नहीं
है।
जानिए
क्या
था
पूरा
मामला
मीट
कारोबारी
सतीश
सना
से
दो
करोड़
रुपये
रिश्वत
लेने
के
मामले
में
15
अक्टूबर
2018
को
सीबीआई
ने
तत्कालीन
विशेष
निदेशक
राकेश
अस्थाना
व
डीएसपी
देवेंद्र
कुमार
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
किया
था।
इसके
बाद
यह
मामला
हाईकोर्ट
पहुंचा
और
कोर्ट
ने
एफआईआर
रद्द
करने
की
अस्थाना
और
देवेंद्र
की
मांग
को
खारिज
कर
दिया
था।
साथ
ही
सीबीआई
को
जांच
का
आदेश
दिया।
राकेश
अस्थाना
और
देवेंद्र
कुमार
पर
आरोप
है
कि
उन्होंने
हैदराबाद
के
व्यापारी
सतीश
बाबू
सना
को
राहत
देने
के
लिए
रिश्वत
ली
थी।
इस
मामले
पर
दोनों
के
खिलाफ
सीबीआई
ने
एफआईआर
दर्ज
की
थी।
यहां
तक
कि
डीएसपी
देवेंद्र
कुमार
को
इस
मामले
में
सीबीआई
ने
गिरफ्तार
किया
था।
बाद
में
निचली
अदालत
से
डीएसपी
देवेंद्र
कुमार
को
जमानत
मिल
गई
थी।
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