CBI पर NSA अजीत डोभाल का फोन टैप करने का आरोप, HC ने केंद्र और सीबीआई से मांगा जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें ये आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का फोन टैप किया जा रहा था। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि जिस वक्त आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच विवाद चल रहा था, उस वक्त एनएसए अजीत डोभाल के अलावा विधि सचिव सुरेश चंद्रा के फोन भी टैप किए जा रहे थे।
हाईकोर्ट ने केंद्र और सीबीआई से मांगा जवाब
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव वाली बेंच ने गृह मंत्रालय और सीबीआई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सार्थक चतुर्वेदी ने याचिका में आरोप लगाया है कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने अपने गुप्त मकसद के लिए नियमों की अनदेखी की और अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया। याचिका में इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की गई है।
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अजीत डोभाल का फोन टैप करने का आरोप
इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि विशेष इकाई ने कई फोन नबंर्स को सर्विलांस पर रखा था। याचिका में भविष्य में उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर होने वाली फोन कॉल टैपिंग, सर्विलांस, और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए गाइड लाइन बनाने की मांग भी की गई है।
एसआईटी जांच की मांग की गई है
याचिका में ये दावा किया गया है कि मनोज, सोमेश, सामंत, दिनेश और राकेश अस्थाना के फोन को गैरकानूनी रूप से डीआईजी राकेश राठी द्वारा टैप किया जा रहा था। इस याचिका में कहा गया है कि आलोक वर्मा ने अजीत डोभाल को राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर की जानकारी दी थी। दावा किया गया है कि फोन की टैपिंग का मुद्दा सीबीआई के डीआईजी मनीष सिन्हा की उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक अर्जी में सामने आया जो अस्थाना के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी में जांच कर रहे थे।