राजीव गांधी केस में बोली CBI-'राज्यपाल करेंगे हत्यारों की रिहाई का फैसला, हमारी कोई भूमिका नहीं'
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों की जल्द रिहाई का फैसला तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को करना है। शीर्ष अदालत को दिए हलफनामे में एजेंसी ने ये भी कहा कि दोषी एजी पेरारिवलन की जल्द रिहाई में उनकी कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि ये पूरी तरह से राज्यपाल और याचिकाकर्ता के बीच का मुद्दा है।
दरअसल राजीव गांधी की हत्या के मामले में सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दो साल पहले 2018 में तमिलनाडु कैबिनेट ने राज्यपाल से दोषियों की जल्द रिहाई की मांग की थी। वो निवेदन राज्यपाल के पास अभी लंबित है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई, जिसमें सीबीआई ने जवाब मांगा गया था। अपने जवाब में सीबीआई ने साफ किया कि दोषियों की रिहाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है, ये फैसला राज्यपाल का होगा। वहीं सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि राज्यपाल की ओर से जांच के विवरण से संबंधित कोई भी अनुरोध उन्हें नहीं मिला है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2015 में दोषी परारिवलन ने पहली बार राज्यपाल के समक्ष क्षमा याचिका डाली थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसकी मां ने बेटे की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। जिसके बाद सितंबर 2018 में सर्वोच्च अदालत ने क्षमा याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया। तब जाकर तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने सात दोषियों की रिहाई के लिए राज्यपाल से सिफारिश की। वहीं दूसरी ओर शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तमिलनाडु में थे। इस दौरान #ReleasePerarivalan ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था।