आसान नहीं है मेहुल चौकसी की भारत वापसी की राह, CBI की गिरती आस
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में करोड़ो की हेराफेरी का आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने की राह अभी भी आसान नहीं है। जिस तरह से इंटरपोल ने भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ नोटिस जारी किया था, उसके बाद माना जा रहा था कि चोकसी के प्रत्यर्पण में भारत को मदद मिलेगी। लेकिन अभी भी चोकसी के प्रत्यर्पण की राह आसान नहीं है। पीएनबी घोटाले की जांच कर रही ही सीबीआई को भी इस बात का डर है कि चोकसी का प्रत्यर्पण की राह आसान नहीं है।
आसान नहीं है राह
आपको बता दें कि सीबीआई लगाातर इस बात की कोशिश कर रही है कि 13500 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को भारत वापस लाया जाए। सीबीआई का कहना है कि चोकसी और नीरव मोदी ने बहुत ही सुनियोजित योजना बनाकर भारत से बाहर भागने का फैसला लिया था, जिस वजह से दोनों की भारत वापसी की राह मुश्किल हो रही है। हाल ही में सीबीआई ने इंटरपोल से गुजारिश की थी कि चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाए। यही नहीं चोकसी ने जिस तरह से यह आरोप लगाया था कि उसके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, जिसका सीबीआई ने सख्त विरोध किया था।
पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी
चोकसी के आरोप पर पलटवार करते हुए सीबीआई ने कहा था कि चोकसी के आरोप निराधार हैं और वह भारत में सबसे बड़े घोटाले का मुख्य आरोपी है, जोकि भारत से फरार है। आपको बता दें कि यह मामला पांच सदस्यीय इंटरपोल कमेटी के हवाले कर दिया है। इंटरपोल ने पहले ही नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। नीरव मोदी इसी वर्ष जनवरी माह में भारत से फरार हो गया था, जिसके बाद से लगातार सीबीआई दोनों को भारत वापस लाने की कोशिश कर रही है।
कुछ उम्मीद है
मेहुल चोकसी जिस तरह से भारत से फरार हुआ है उसके बाद साफ है कि उसने भारत से भागने से पहली इसकी पुख्ता योजना बनाई थी। चोकसी ने एंटिगुआ और बरबूडा की नागरिकात हासिल कर ली है, जिसके बाद उसकी भारत वापसी की राह और भी मुश्किल हो गई है। मेहुल चोकसी के खिलाफ एंटिगुआ के कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, ऐसे में सीबीआई को इस बात की उम्मीद है कि रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद उसकी भारत वापसी की राह कुछ हद तक आसान हो सकती है।
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