मध्य प्रदेश की निजी कंपनी पर बैंकों से 106 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप, सीबीआई ने दर्ज किया केस
बैंको से धोखाधड़ी में CBI ने मध्यप्रदेश की कंपनी पर दर्ज किया मामला
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश के मंदसौर की एक कंपनी पर 106.56 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। कंपनी ने 2011 से 2013 के बीच तीन बैंकों से ये कथित हेराफेरी की है। सीबीआई ने मंदसौर की प्राइवेट कंपनी, इसके निदेशकों, और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सोमवार को एजेंसी की ओर से बताया गया है कि कंपनी ने यूको बैंक के नेतृत्व वाले समूह से लोन लिया है। इसमें कॉरपोरेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय हो चुका) और पंजाब नेशनल बैंक भी शमिल थे। कंपनी ने तीनों बैंकों को 106.56 करोड़ का नुकसान दिया है।
सीबीआई ने मध्य प्रदेश के मंदसौर की निजी कंपनी नारायण निर्यात, इसके निदेशक कैलाश चंद गर्ग और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यूको बैंक ने ये मामला दर्ज कराया है। कंपनी और निदेशकों के अलावा अज्ञात लोकसेवकों की भूमिका की जांच करने का अनुरोध भी बैंक ने शिकायत में किया है। सीबीआई की ओर से बताया गया है कि 2011 से 2013 के बीच दो साल में कंपनी ने यूको बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और पीएनबी बैंक के समूह से भारी कर्ज लिया था। नारायण निर्यात और इसके निदेशकों ने अपने सहयोगियों के जरिए धन की हेराफेरी की।
यूको बैंक ने सीबीआई को अपनी शिकायत में कहा है कि कर्ज लेने के बाद कंपनी के निदेशकों ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की और जानबूझकर बैंक के कोष का दूसरी जगह इस्तेमाल किया। बैंक ने बताया है कि कंपनी ने बकाया 106.5 करोड़ रुपए के विपरीत तीनों बैंकों के समूह को 37 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया। इसे बैंक ने मंजूर कर लिया लेकिन कंपनी शर्तों का पालन करने में नाकाम रही और भुगतान नहीं किया।
ये
भी
पढ़ें-
केरल
गोल्ड
स्मगलिंग
केस
में
एनआईए
ने
पांच
और
को
बनाया
आरोपी,
अब
तक
हो
चुकी
21
गिरफ्तारी