विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सीबीआई ने हरीश रावत पर दर्ज की एफआईआर
नई दिल्ली। सीबीआई ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े स्टिंग मामले में एफआईआर की है। उनके साथ पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और इस मामले के स्टिंग में शामिल टीवी पत्रकार उमेश कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है। सीबीआई ने तीनों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने 30 तारीख को सीबीआई को मामले में एफआईआर करने की इजाजत दी थी। जिसके बाद सीबीआई ने पूर्व सीएम पर केस दर्ज किया है।
2016 में नौ कांग्रेस विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने हरीश रावत सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी सरकार बहाल की थी। इस दौरान एक एक निजी टीवी चैनल का स्टिंग सामने आया था, जिसमें कथित तौर पर हरीश रावत विधायकों को खरीदने की बात कर रहे थे।
केन्द्र सरकार ने 2 अप्रैल, 2016 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद सीबीआई जांच शुरु की थी। इधर राज्य में कांग्रेस सरकार की बहाली हो गई और रावत सरकार ने कैबिनेट बैठक में सीबीआई जांच को निरस्त कर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। इसके बाद भी सीबीआई ने जांच जारी रखी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जांच के लिए 9 अप्रैल, 2016 को समन भेजा।
हरीश रावत मामले को लेकर हाईकोर्ट चले गए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले वह कोर्ट से अनुमति ले। तीन सितंबर को सीबीआई ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि उसने इस केस की जांच पूरी कर ली है और वह मामले में एफआईआर दर्ज करना चाहती है। जिसके बाद कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने की इजाजत दे दी। कोर्ट में एक नवंबर को मामले की अगली तारीख है।
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