सीबीआई ने डीआईजी द्वारा सरकारी वकील को थप्पड़ मारने के आरोपों पर जांच शुरू की
नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव राजिंदर कुमार से संबंधित एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी के लिए अपने सरकारी वकील को एक डीआईजी अधिकारी द्वारा थप्पड़ मारने के आरोपों की तथ्यात्मक जांच शुरू कर दी है। यह मुद्दा एक अदालत की सुनवाई में सामने आया था, उस दौरान सरकारी वकील सुनील वर्मा ने बताया कि उन्होंने उप महानिरीक्षक (डीआईजी) राघवेंद्र वत्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कोर्ट ने 19 अक्टूबर को डीआईजी को तलब किया है।
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता आर के गौड़ ने बताया कि मामले की तथ्यात्मक जांच के लिए इन्क्वारी स्थापित की गई है। सूत्रों ने बताया कि डीआईजी वत्स ने 8 अक्टूबर को अपने वरिष्ठों को सरकारी वकील वर्मा के खिलाफ कथित दुर्व्यवहार, काम के प्रति अरुचिकर रवैया, कार्यालय से अनुपस्थिति की एक आधिकारिक शिकायत दी थी। अगले दिन वर्मा डीआईजी के कार्यालय में आए, जहां उन्होंने वत्स के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद उन्हें वहां मौजूद अन्य अधिकारियों द्वारा ले जाया गया था।
सूत्रों ने दावा किया कि लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में वर्मा द्वारा दी गई शिकायत में घटना का विवरण बिल्कुल अलग दिया गया था। सरकारी वकील ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने 9 अक्टूबर को लगभग 10.30 बजे भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के डीआईजी कार्यालय का दौरा किया, जहां अधिकारी ने उन्हें चेहरे पर घूंसा मारा और बैठने और बात करने के लिए कहा।
वर्मा के अनुसार डीआईजी ने भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल के निजी सचिव राजेन्द्र कुमार के खिलाफ आरोप तय करने में देरी के लिए उन्हें मुक्का मारा। राजेन्द्र कुमार के खिलाफ 12 करोड़ के घोटाले का केस चल रहा है और एजेंसी ने कुमार के खिलाफ लगभग चार साल पहले चार्जशीट दायर की थी।