नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को CBI ने फिर से किया अरेस्ट
नई दिल्ली। नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाले के आरोपी और प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ्तार किया है। सोमवार को सीबीआई कोर्ट में पेशी पर आए यादव सिंह को वापस जाते समय सीबीआई की टीम ने हिरासत में ले लिया। परिजनों को सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि एक मामले में पूछताछ करनी है। इसके बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले भी सीबीआई यादव सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसके बाद तीन मामलों में उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
नए भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार
सीबीआई के अफसर ने बताया कि यह गिरफ्तारी नोएडा प्राधिकरण में 116.39 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाला मामले में हुई है। आरोप है कि यादव के कार्यकाल में निजी कंपनियों को गलत तरीके से यह टेंडर दिया गया था। दो साल पहले इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। यादव सिंह के खिलाफ आपराधिक साजिश और सरकारी पद के दुरुपयोग के साथ ठेकेदारों और फर्मों से नियमित रूप से रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पत्नी के साथ पहुंचा था कोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में सोमवार को नोएडा टेंडर घोटाले से जुड़े एक केस में सुनवाई थी। जिसके चलते यादव सिंह पत्नी कुसुमलता के साथ कोर्ट में पेशी पर आया था। वहीं, वकीलों की हड़ताल होने के चलते केस की सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद वह घर लौटने लगा, तभी नीचे खड़ी दिल्ली ब्रांच की सीबीआई टीम ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया और पत्नी को बताया कि सीबीआई को एक अन्य मामले में पूछताछ करनी है।
यादव सिंह को 2016 में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था
यादव सिंह को 2016 में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले साल दिसंबर में जमानत मिली थी। सीबीआई कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये के बॉन्ड भरने और 2-2 जमानती पेश करने पर यादव सिंह को रिहा किया था। यादव सिंह साल 2007 से 2012 तक नोएडा प्राधिकरण में चीफ इंजीनियर रहे। आरोप है कि इस दौरा उन्होंने 29 निजी फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये के टेंडर पास किए।
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