दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर टिकट खरीदने के लिए जल्द लागू होगी कैशलेस और टचलेस सेवा
कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने यात्रियों के लिए कैशलेस और टचलेस लेनदेन शुरू करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने यात्रियों के लिए कैशलेस और टचलेस लेनदेन शुरू करने का फैसला किया है। डीएमआरसी वर्तमान में सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों को क्यूआर कोड आधारित टिकट प्रणाली का लाभ दे रहा है, लेकिन अब इस सिस्टम को सभी लाइनों पर लागू करने का फैसला लिया गया है।
खबर के मुताबिक, क्यूआर सिस्टम से टिकट खरीदने के लिए यूजर्स को सर्वप्रथम Ridlr नामक मोबाइल एप्लीकेशन पर अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी के जरिए रजिस्टर करना होगा। इसके बाद उन्हें यात्रा शुरू करने का स्थान, गंतव्य स्थान और यात्रियों की संख्या के बारे में बताना होगा, जिसके बाद वह क्यूआर कोड से टिकट खरीद पाएंगे।
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खबर के मुताबिक क्यूआर कोड सिस्टम 2022 तक दिल्ली मेट्रो के 9 कॉरिडोर्स पर उपल्बध होगा जो 204 स्टेशनों और 314 किलोमीटर तक फैला हुआ है। आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन पौने तीन लाख लोग यात्रा करते हैं और वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान दिल्ली मेट्रो में 100 करोड़ लोगों ने यात्रा की। डीएमआरसी के कॉर्पोरेट संचार के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा कि डीएमआरसी ने क्यूआर कोड, ईएमवी और रुपे आधारित टिकटिंग प्रणाली को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सुझाव मांगे हैं। साथ ही दिल्ली मेट्रो ने राजस्व की कमी के चलते केंद्र सरकार से सुरक्षा प्रोटोकॉल को संशोधित करने की अपील की है ताकि कम से कम फुल सीटों के साथ ट्रेन को चलाया जा सके।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी के कारण पांच महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद दिल्ली मेट्रो ने 7 सितंबर को येलो लाइन पर आंशिक सुविधाओं के साथ संचालन शुरू किया था। इसके बाद 12 सितंबर से कोरोना वायरस के दिशानिर्देशों के साथ डीएमआरसी ने सभी मेट्रो ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया। कोरोना वायरस की वजह से लंबे समय तक बंद होने के कारण डीएमआरसी को काफी घाटा हुआ है और वर्तमान में भी उसे 1 कोच में केवल 50-60 यात्री बिठाने की अनुमती दी गई है। जबकि एक कोच में कम से कम 300-350 लोग आराम से यात्रा कर सकते हैं। इसकी वजह से भी डीएमआरसी को घाटा उठाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि मेट्रो के एक कोच में बैठने के लिए 50 सीटें होती हैं। दिल्ली मेट्रो 10 लाइनों पर चलती है इसके 242 स्टेशन हैं और गुडगांव की रैपिड मेट्रो को मिलाकर इसके कुल 264 स्टेशन हैं।