थरूर और वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में FIR
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों के ट्रैक्टर परेड में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार जांच कर रही है। अबतक कुल 38 केस दर्ज की गई है। 84 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब खबर है दिल्ली पुलिस ने हिंसा में ट्रैक्टर चालक की मौत को लेकर भ्रामक ट्वीट करने के आरोप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकारों और अन्य के खिलाफ आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। सभी पर आरोप है कि ट्वीट के माध्यम से किसान के मौत की गलत और भ्रामक जानकारी शेयर की गयी है।
वहीं दिल्ली पुलिस को आम जनता से ट्रैक्टर परेड हिंसा से संबंधित 1,700 वीडियो क्लिप, सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई हैं। दिल्ली पुलिस मोबाइल कॉल के डेटा, ट्रैक्टरों के पंजीकरण संख्या की भी पड़ताल कर रही है।
प्रियंका गांधी ने की आलोचना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को भाजपा सरकार की ओर से धमकाने का चलन खतरनाक है। लोकतंत्र का सम्मान सरकार की मर्ज़ी नहीं बल्कि उसका दायित्व है। भय का माहौल लोकतंत्र के लिए जहर के समान है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया ''भाजपा सरकार द्वारा पत्रकारों एवं जनप्रतिनिधियों को प्राथमिकी दर्ज कर धमकाने का चलन बहुत ही खतरनाक है। लोकतंत्र का सम्मान सरकार की मर्जी नहीं, बल्कि उसका दायित्व है। भय का माहौल लोकतंत्र के लिए काहर के समान है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''भाजपा सरकार ने वरिष्ठ पत्रकारों व जनप्रतिनिधियों को धमकाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करके लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया है।''
वहीं मीडिया संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और उस दौरान यहां हुई हिंसा की रिपोर्टिंग करने को लेकर वरिष्ठ संपादकों एवं पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज किये जाने की कड़ी निंदा की। साथ ही, उन्होंने इस कार्रवाई को मीडिया को 'डराने-धमकाने' की कोशिश बताया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वक्तव्य जारी कर मांग की कि ऐसी प्राथमिकियां तुरंत वापस ली जाएं तथा मीडिया को बिना किसी डर के आजादी के साथ रिपोर्टिंग करने की इजाजत दी जाए।
नड्डा ने किया बड़ा ऐलान- तमिलनाडु में AIADMK के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी BJP