बाबरी केस: स्पेशल CBI कोर्ट के सामने पेश हुए आडवाणी
नई दिल्ली- 1992 में अयोध्या के बाबरी ढांचा गिराने के मामले में शुक्रवार को वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने बयान दर्ज हुआ। 92 साल के बुजुर्ग नेता इस केस में आरोपी हैं और उन्होंने सीआरपीसी के सेक्शन 133 के तहत वीडियो लिंक के जरिए लखनऊ की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। गुरुवार को इसी केस में भाजपा के एक और बुजुर्ग नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली जोशी की भी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव के कोर्ट में पेशी हुई थी।
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बाबरी केस में लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में पिछले कुछ दिनों से लगातार सुनवाई चल रही है और इस केस से जुड़े कई आरोपियों के बयान दर्ज कराए जा चुके हैं। आडवाणी और जोशी से पहले इसी केस में बुधवार को शिवसेना सांसद सतीश प्रधान ने अपना बयान दर्ज कवाया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक सीबीआई की विशेष अदालत इस केस में रोजाना सुनवाई कर रही है, क्योंकि उसे ट्रायल की प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी करनी है। इस केस में कोर्ट को कुल 32 आरोपियों के बयान दर्ज कराने हैं, जो कोर्ट में पेश होकर अपनी बेगुनाही साबित कर सकते हैं।
बता दें कि अयोध्या में जहां 5 अगस्त को राम मंदिर का निर्माण शुरू होने वाला है, वहां पहले बाबरी मस्जिद का ढांचा था, जिसे 6 दिसंबर, 1992 को राम मंदिर आंदोलन के दौरान कार सेवकों ने गिरा दिया था। उस समय भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई की थी। मुस्लिम पक्ष का दावा था कि वह स्थान उनकी बाबरी मस्जिद की है, जबकि हिंदू पक्षों का हमेशा से दावा था कि वह पवित्र भूमि रामलला का जन्म स्थान है। इस विवाद को लेकर सात दशकों से भी लंबी कानूनी लड़ाई चली, लेकिन आखिरकार पिछले 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष के दावों पर मुहर लगा दी कि वह स्थान करोड़ों की आस्था के प्रतीक भगवान राम की पवित्र जन्मभूमि है। उसके बाद यह कानूनी विवाद हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गया। लेकिन, बाबरी ढांचा गिराने का केस 1992 से चल रहा है, इसलिए उसकी सुनवाई अभी भी जारी है।
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