मॉब लिंचिंग के खिलाफ पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने पर दर्ज हुआ केस तो क्या बोले श्याम बेनेगल
पटना। कुछ महीने पहले, देश के अलग-अलग क्षेत्र की जिन 50 नामी-गिरामी हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा था, उनके खिलाफ बिहार में केस दर्ज हुआ है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अपर्णा सेन समेत 50 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं, केस दर्ज होने के बाद फिल्मकार श्याम बेनेगल का बयान आया है।
श्याम बेनेगल ने कहा कि ये पत्र महज एक अपील थी, लोगों का इरादा जो भी हो, जो प्राथमिकी स्वीकार कर रहे हैं और हम पर इन सभी तरह के आरोप लगा रहे हैं, इन बातों का कोई मतलब नहीं बनता है। ये पीएम से अपील करने वाला पत्र था, ये कोई धमकी या अन्य बात नहीं थी जो शांति बिगाड़ती या समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करती है। पत्र में कहा गया था कि मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करना तत्काल रूकना चाहिए चाहिए, बिना असंतोष के लोकतंत्र के लोकतंत्र नहीं होता है, जय श्रीराम भड़काऊ नारा हो गया है।
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श्याम बेनेगल ने कहा कि इस मामले का कोई मतलब नहीं बनता क्योंकि भीड़ की हिंसा बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए पीएम मोदी को लिखा गया खुला खत महज एक अपील थी ना कि कोई धमकी। मुजफ्फरपुर में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी है। स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी के आदेश पर ये मामला दर्ज किया गया है।
ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। पुलिस ने इस मामले में बताया कि आईपीसी की संबंधित धाराओं में ये केस दर्ज किया गया है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाईं गई हैं।