FAKE कोरोना सर्टिफिकेट बेंचने वाला बांग्लादेशी डाक्टर, भारतीय सीमा पर पकड़ा गया
नई दिल्ली। कोरोनावायरस संकट के बीच बांग्लादेश में एक डाक्टर फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने हजारों फर्जी सर्टिफिकेट बगैर टेस्ट किए जारी किए हैं और बदले में मोटा पैसा बनाया है। बांग्लादेशी पुलिस ने मामले में आरोपी डाक्टर समेत दो और लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके अस्पताल के लैब से हजारों फर्जी सर्टिफिकेट भी बरामद किए हैं।
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आरोपी डाक्टर हजारों की संख्या में फर्जी निगेटिव रिपोर्ट बनाकर बेंचे
मामले की जांच करने वाले बांग्लादेशी पुलिस ने बताया कि आरोपी डाक्टर के दो क्लीनिक में हजारों की संख्या में लोगों को फर्जी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट बनाकर दिए गए। मामले पर जब बांग्लादेशी पुलिस ने दबिश देनी शुरू की तो आरोपी डाक्टर वहां से लापता हो गया, लेकिन भारत की सीमा में अवैध रूप से भागने की फिराक में खड़े आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार की समय आरोपी डाक्टर ने बुर्का पहन रखा था।
42 वर्षीय आरोपी डाक्टर की पहचान मोहम्मद शाहिद के रूप में हुई है
42 वर्षीय आरोपी डाक्टर की पहचान मोहम्मद शाहिद के रूप में हुई है, जो बिना टेस्ट किए फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट बेंचकर मोटा पैसा कमा रहा था। फर्जी कोराना निगेटिव सर्टिफिकेट मामले में पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। रैपिड एक्शन बटालियन के प्रवक्ता कर्नल आशिक बिल्ला ने बताया कि आरोपी को भारतीय सीमा पर नदी किनारे से गिरफ्तार किया गया।
कुल 10,500 कोरोना टेस्ट में से 6,300 के रिपोर्ट बिना टेस्ट जारी कर दिए
रैपिड एक्शन बटालियन प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी मोहम्मद शाहिद के दो क्लिीनिक ने करीब 10,500 कोरोना वायरस टेस्ट किए, जिनमें से 4,200 सही थे, जबकि शेष 6,300 रिपोर्ट बिना टेस्ट के ही लोगों को दे दिए गए थे। शाहिद पर प्रति फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के लिए करीब 3300 रुपए लोगों से चार्ज करता था, जबकि उसने सरकार से अपने अस्पताल में मरीजों का मुफ्त इलाज करने की बात कही थी।
प्रति फर्जी निगेटिव सर्टिफिकेट के लिए करीब 3300 रुपए चार्ज करता था
आरोपी डाक्टर मोहम्मद शाहिद पर प्रति फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के लिए करीब 3300 रुपए लोगों से चार्ज करता था। बांग्लादेशी पुलिस ने फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट धंधे से जुड़े एक अन्य महिला डॉक्टर और उनके पति को भी गिरफ्तार किया है। बांग्लादेशी पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी डाक्टर शाहिद का एक लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है और दो साल जेल की सजा भी काट चुका है।
आरोपी डाक्टर अस्पताल में बैठकर फर्जी निगेटिव सर्टिफिकेट बेच रहा था
बांग्लादेशी जांचकर्ताओं ने बताया कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित मोहम्मद शाहिद के अस्पताल में फर्जी कोरोनोवायरस सर्टिफिकेट बेच रहा था और उसने हजारों फर्जी सर्टीफिकेट बेंचे और काफी मोटे पैसे कमाए। जांच अधिकारियों ने बताया कि फर्जी सर्टिफिकेट में बाकायदा लिखा होता था कि अमुक व्यक्ति का कोरोना टेस्ट निगेटिव है।
फर्जी निगेटिव सर्टिफिकेट प्रवासी बांग्लादेशियों ने काम पर लौटने के लिए खरीदे
फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट का कारोबार बांग्लादेश में यूरोप और दूसरे देशों में काम पर लौटने वाले बांग्लादेशियों के चलते फल-फूल रहा है, जो विदेशों में काम पर लौटने के लिए ऐसे फर्जी सर्टीफिकेट मोटा पैसा देकर खऱीद रहे हैं। अभी हाल में कई बांग्लादेशी श्रमिक में इटली गए हैं, जहां नियोक्ता द्वारा दोबारा काम पर रखने के लिए उसने कोरोना निगेटिव सर्टीफिकेट की मांग की गई।
लाखों बांग्लादेशी विदेशों में काम करते हैं, अरबों डॉलर वापस घर भेजते हैं
बांग्लादेश एशिया के सबसे गरीब देशों में शुमार है, जहां से निकलकर लाखों बांग्लादेशी विदेशों में काम करते हैं और अरबों डॉलर वापस घर भेजते हैं, जो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी की तरह काम करती है। चूंकि यूरोप में महामारी के दौरान कई श्रमिक भागकर बांग्लादेश वापस आए थे और जब काम पर वापस जाना चाहते थे, तो उनके लिए कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट जरूरी था, क्योंकि कोरोना निगेटिन सर्टिफिकेट के बिना लौटना मुश्किल था, इसलिए बांग्लादेश में फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के कारोबार शुरु हो गया।
प्रवासी श्रमिकों को फर्जी निगेटिव सर्टिफिकेट के साथ लुभा रहे थे आरोपी
बांग्लादेश सरकार मंत्री कादिर ने बताया कि विभिन्न आपराधिक सिंडिकेट बांग्लादेश भर में काम कर रहे थे, जो प्रवासी श्रमिकों को फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के साथ लुभा रहे थे और बदले में कई जीवन को खतरे में डाल रहे थे। बांग्लादेशी अधिकारियों ने बताया कि आरोपी शाहिद द्वारा संचालित रीजेंट अस्पताल द्वारा 10,000 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए थे, जिनमें से अधिकांश नकली थे और बिना किसी वास्तविक टेस्ट के जारी किए गए थे।
फर्जी सर्टिफिकेट बेचने के आरोप में दो अन्य डॉक्टरों को भी गिरफ्तार हुए
ढाका में आरोपी डाक्टर की प्रयोगशाला से हजारों फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट बेचने के आरोप में दो अन्य डॉक्टरों को भी गिरफ्तार हुई है। बांग्लादेशी अधिकारियों ने बताया कि ऐसे फर्जी सर्टिफिकेट का धंधा करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए स्पेशल लॉ इन्फोर्समेंट एजेंट को उनके पीछे लगाया गया था, जिससे भागने के फिराक में भारतीय सीमा पर खड़े शाहिद की गिरफ्तारी मुमकिन हो सकी।
बांग्लादेश की कोरोनोवायरस स्थिति विशेष रूप से खराब है
बांग्लादेश की कोरोनोवायरस स्थिति विशेष रूप से खराब है। 16 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले बांग्लादेश में लगभग 2 लाख संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन बांग्लादेश में अपेक्षाकृत कम परीक्षण किए जा रहे हैं, जिससे रिकॉर्ड में मामले कम है। इसकी पुष्टि वहां के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया है। उनका मानना है कि आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में बांग्लादेश में संक्रमण की दर बहुत अधिक है।
इटली ने बांग्लादेश से आने वाली सभी उड़ानों के निलंबन का आदेश दिया
फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट मामले के उजागर होने के बाद इटली के स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्टो स्पेरन्ज़ा ने कम से कम 37 बांग्लादेशी यात्रियों के रोम में आने और पॉजिटिव टेस्ट मामले सामने आने के बाद बांग्लादेश से आने वाली सभी उड़ानों के निलंबन का आदेश दिया है। पिछले हफ्ते इटली ने 168 बांग्लादेशियों को वापस भेजा था, जो रोम और मिलान के हवाई अड्डों पर वहां पहुंचे थे। इसकी पुष्टि इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है।
गिरफ्तार आरोपी डाक्टर एक नामचीन अपराधी है, दो साल जेल जा चुका है
बांग्लादेश रैपिड एक्शन बटालियन के सदस्य फैज़ुल इस्लाम ने बताया कि आरोपी शाहिद एक नामचीन अपराधी है और हम अब ऐसे अन्य अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए काम कर रहे हैं। गुरूवार को जारी एक बयान में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि इटली जाने वाले लगभग 1600 बांग्लादेशी फर्जी कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट लेकर नहीं गए हैं।
इटली पहुंचे बांग्लादेशियों ने अनिवार्य क्वॉरेंटीन नियम का पालन नहीं किया
बयान में यह भी कहा गया कि हाल के दिनों में इटली की यात्रा करने वाले कुछ बांग्लादेशियों ने अनिवार्य क्वॉरेंटीन नियम का पालन नहीं किया, जिससे शायद उनमें से कुछ ने समुदाय में वायरस फैलाया होगा।