गलवान में शहीद जवानों के शादीशुदा भाईयों को मिलेगी सरकारी नौकरी, कानून में किया गया संशोधन
शहीद जवानों के लिए पंजाब सरकार ने किया कानून में संशोधन
चंडीगढ़। पंजाब सरकार (Punjab Govt) ने गलवान घाटी (Galwan valley) में शहीद हुए जवानों के परिवारवालों को सरकारी नौकरी देने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया है। दरअसल, बुधवार को हुई पंजाब सरकार की कैबिनेट मीटिंग में मौजूदा पॉलिसी ऑफ अपॉइटमेंट और ऑनर एंड ग्रैटिट्यूड एक्ट (Gratitude Policy of Appointments of Honour &Gratitude) में बदलाव किया गया।
शहीदों के शादीशुदा भाई बहन पा सकेंगे सरकारी नौकरी
कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिपाही गुरतेज सिंह, सिपाही गुरबिंदर सिंह और लांस नायक सलीम खान को सर्वोच्च बलिदान देने का फैसला किया। साथ ही पंजाब सरकार ने इन तीनों जवानों के शादीशुदा भाईयों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। इसी वजह से मौजूदा कानून में बदलाव किया गया है। आपको बता दें कि ये तीनों जवान गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए थे।
शादीशुदा भाईयों ने किया था नौकरी के लिए आवेदन
आपको बता दें कि मौजूदा नियमों के अनुसार, अभी तक शहीद जवानों के केवल परिवार या फिर उनपर आश्रित लोगों को ही सरकारी नौकरी मिलती थी, लेकिन गलवान घाटी में शहीद हुए पंजाब के इन तीन जवानों के परिवार में और कोई सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए इनके शादीशुदा भाईयों को सरकारी नौकरी दी गई है।
आपको बता दें कि पंजाब सरकार ने जून के महीने में ही शहीद जवानों के परिवारवालों को अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी।
क्या कहती है मौजूदा पॉलिसी?
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि 'वार हीरोज' के परिवारों के आश्रित सदस्यों के लिए 24 सितंबर, 1999 के पॉलिसी ऑफ अपॉइंटमेंट्स ऑफ ऑनर एंड ग्राटिट्यूड के क्लास I और II और 19 अगस्त, 1999 के 'वॉर हीरोज़' के परिवारों के आश्रित सदस्यों के लिए पॉलिसी ऑफ अपॉइंटमेंट्स ऑफ ऑनर एंड ग्राटिट्यूड की क्लास III और IV के तहत जंग में शहीद हुए जवान की पत्नी या परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाती है।