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आपके पास तो पैसे की कमी नहीं है, बीवी-बच्चों को गुजारा भत्ता क्यों नहीं देते, कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला को फटकारा

फैमिली कोर्ट ने कहा कि 'बीवी को गुजारा भत्ता सामाजिक न्याय मापने का एक पैमाना है। ऐसे मामलों के बच्चे शिकार होते हैं और सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को फटकार लगाते हुए कहा है कि आपके पास तो पैसे की कमी नहीं है तो फिर अपने बीवी-बच्चों को भरण पोषण के लिए पैसै क्यों नहीं देते। कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला से कहा है कि आपको अपनी बीवी को गुजारा भत्ता देना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि अब्दुल्ला अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग नहीं सकते। आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल उनसे अलग हो चुकी हैं। कोर्ट ने भरण-पोषण के लिए पायल को हर महीने 75,000 रुपये और बेटे को बालिग होने तक हर महीने 25,000 रुपये देने को कहा है।

गुजारा भत्ता देने का आदेश

गुजारा भत्ता देने का आदेश

फैमिली कोर्ट ने कहा कि 'बीवी को गुजारा भत्ता सामाजिक न्याय मापने का एक पैमाना है। ऐसे मामलों के बच्चे शिकार होते हैं और सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं। पत्नी अगर बहुत पढ़ी-लिखी हो तो भी उसे पति की माली हालात के मुताबिक गुजारा भत्ता मिलने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। पति का यह कानूनी दायित्व है कि वह पत्नी और बच्चों को गुजारा भत्ता दे। हालां‍कि कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि वेस्टएंड में पायल अब्दुल्ला की प्रॉपर्टी बेकार पड़ी है और उससे हासिल किराये से भी वह अपने दिन-प्रति दिन के खर्च चला सकती हैं।

पायल अब्दुल्ला ने जवाब दाखिल किया

पायल अब्दुल्ला ने जवाब दाखिल किया

थोड़े दिनों पहले ही जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अर्जी पर पायल अब्दुल्ला ने अपना जवाब हाईकोर्ट में दाखिल किया था। जिसमें पायल ने कहा था कि मामले की जल्द सुनवाई करने का कोई ठोस आधार उमर अब्दुल्ला ने नहीं बताया है। आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने अर्जी दायर कर उनकी तलाक संबंधी याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया था।

1994 में हुई थी शादी

1994 में हुई थी शादी

दरअसल, पटियाला हाउस अदालत ने उमर अब्दुल्ला व पायल अब्दुल्ला के तलाक की अर्जी 30 अगस्त 2016 को खारिज कर दी थी। निचली अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुये कहा था कि अब उनकी शादी कायम रहने का कोई आधार नहीं बचा और शादी पूरी तरह टूट चुकी है। निचली अदालत ने याचिका खारिज करते हुये कहा था कि उमर अब्दुल्ला पत्नी की ओर से की गई क्रूरता या उनसे अलग होने की बात साबित नहीं कर पाये जबकि इसी आधार पर तलाक की याचिका दायर की गई थी। उमर व पायल की शादी एक सितंबर 1994 को हुई थी और वह दोनों 2009 से अलग रह रहे हैं। शादी से दंपत्ति के दो बेटे जो पायल अब्दुल्ला के साथ रहते हैं।

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English summary
cannot shirk liability and responsibility,pay monthly interim maintenance to wife and childrean, court to omar abdullah
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