असम में ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीज ने जीती कोरोना के खिलाफ जंग, ठीक होकर लौटे घर
Cancer patient, Assam’s first COVID case, beats virusकोरोनावायरस से जहां हर दिन दुनिया भर कई लोगों की जान जा रही हैं वहीं असम से एक बड़ी खबर आई हैं। दरअसल, असम में एक 52 वर्षीय कैंसर पेसन्ट ने कोरोना वायरस को मात दे दी हैं।
गुवाहाटी। कोरोनावायरस से जहां हर दिन दुनिया भर कई लोगों की जान जा रही हैं वहीं असम से एक बड़ी खबर आई हैं। दरअसल, असम में एक 52 वर्षीय कैंसर पेसन्ट ने कोरोना वायरस को मात दे दी हैं। माना जाता हैं कि कोरोनावायरस उन व्यक्तियों पर जल्दी अटैक करता हैं जिनके शरीर में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम होती हैं। लेकिन असम का ये 52 वर्षीय व्यक्ति जो कैंसर और मधुमेह से पीड़ित है, एक महीने से अधिक समय तक इलाज के बाद कोरोना बीमारी से उबर गया है। डॉक्टरों के अनुसार ये बहुत बड़ी सफलता हैं क्योंकि कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों से ग्रतिस होने के कारण उन्हें और कमजोर बना दिया था लेकिन इसके बावजूद वो कोरोना से जंग जीत गया।
Recommended Video
बता दें ये व्यक्ति असम के बराक घाटी में करीमगंज जिले का निवासी हैं और तबलीगी जमात का वरिष्ठ सदस्य है। वह एक मदरसा शिक्षक था और एक छोटा सा व्यवसाय चलाता था। वो फरवरी में ब्लड कैंसर से पीड़ित पाया गया था। 5 मार्च को अपने कैंसर के इलाज के बीच, उसने दिल्ली में तब्लीगी जमात की बैठक में भाग लिया और वापस आने के बाद COVID-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। 31 मार्च को, इस व्यक्ति को असम राज्य का पहला कोरोनावायरस रोगी घोषित किया गया और उसे सिल्चर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SMCH) में भर्ती कराया गया।
पिता के ठीक होने के बाद बेटे ने कहा कि मेरे परिवार के लिए एक कठिन समय था। मुझे और मेरे भाई को उस दिन SMCH में ले गए और सकारात्मक परीक्षण करने के बाद हमें छोड़ दिया गया था लेकिन पिता का वहीं इलाज किया गया और कोरोना वायरस टेस्ट निगेटिव आने पर रोगी को बुधवार को छुट्टी दे दी गई और 14 दिनों के लिए उसके निवास के पास एक अस्पताल में चेकअप के लिए भेजा गया। "हमें बताया गया था कि ब्लड कैंसर ने उसकी स्थिति और खराब कर दी है। लेकिन ऊपर वाली की कृपा से वो बच गया हैं अब कैंसर का इलाज जारी रहेगा।
कश्मीर घाटी में आतंकवाद की नई कहानी गढ़ रहा पाकिस्तान, खूफिया एजेंसी ने किया आगाह