भारत के किसान आंदोलन का कनाडाई पीएम Justin Trudeau ने किया समर्थन तो शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने जताई आपत्ति
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज छठे दिन भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। कोरोना वायरस महामारी के बीच भारी संख्या में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों पर दुनियाभर की नजरें हैं। इसी क्रम में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों का बचाव करेगा, हमने भारत सरकार के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं। जस्टिन ट्रूडो के इस बयान पर अब शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए आपत्ति जताई है।

किसान विरोध प्रदर्शन को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों का विरोध भारत का आंतरिक मामला है। प्रियंका चतुर्वेदी ट्वीट कर जस्टिन ट्रूडो को कड़े शब्दों में जवाब दिया है। उन्होंने कहा, प्रिय जस्टिन ट्रूडो हमें आपकी चिंता की कद्र है लेकिन भारत का आंतरिक मुद्दा किसी अन्य राष्ट्र की राजनीति के लिए चारा नहीं है। उन शिष्टाचारों का सम्मान करें जो हम हमेशा अन्य देशों तक बढ़ाते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करते हैं कि इससे पहले कि अन्य देश इस मुद्दे पर चर्चा करें, इस समस्या को जल्द निपटा लें।

जस्टिन ट्रूडो ने क्या कहा था?
बता दें कि भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करने वाले विश्व के पहले नेता हैं। 48 वर्षीय जस्टिन ट्रूडो ने भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा, 'भारत से आने वाले किसान विरोध प्रदर्शन की खबरों पर बात करूं तो वहां की स्थिति गंभीर और चिंताजनक है। आपको याद दिला दूं कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।' जस्टिन ट्रूडो ने आगे कहा कि कनाडा बातचीत के महत्व पर विश्वास रखते हुए मुद्दों को हल करने का समर्थन करता है। हमने भारतीय अधिकारियों के सामने अपनी चिंता व्यक्त की है। बता दें कि जस्टिन ट्रूडो ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 551 वीं जयंती के अवसर पर किसान विरोध प्रदर्शन पर यह टिप्पणी की है।
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