दो मादा मिलकर दे सकती हैं बच्चे को जन्म?
यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑकलैंड की डॉक्टर टेरेसा होम का कहना है कि आने वाले समय में शायद ये भी संभव हो जाए लेकिन फिलहाल तो नहीं. "संभव ये है कि यह शोध आने वाले समय में समान सेक्स वाले लोगों को स्वस्थ बच्चे जन्म देने की दिशा में मदद में मदद करे."
"हालांकि इस प्रक्रिया से जुड़ी अपनी चिंताएं हैं और सावधानियां हैं, जिसे दूर किए जाने की ज़रूरत है."
दो चुहिया मिलकर बच्चे को जन्म दे सकती हैं और इसके लिए नर की कोई आवश्यकता नहीं है. चाइनीज़ एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ के शोधकर्ताओं का कहना है कि दो मादा मिलकर बच्चे को जन्म दे सकती हैं.
हालांकि प्रजनन के तय नियमों को तोड़ते हुए, इस तरह से बच्चे के जन्म को संभव बनाने में आनुवांशिक इंजीनियरिंग का अहम योगदान है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि 'बाईमैटर्नल' (दो मादाएं) स्वस्थ थीं और अपने बच्चे को जन्म के लिए सक्षम थीं.
लेकिन बुरी ख़बर ये है कि नर ऐसा नहीं कर सकते. शोधकर्ताओं ने दो चूहों के बीच प्रजनन कराने की कोशिश की लेकिन जन्म लेने वाले बच्चे या एक-आध दिन में ही मर गए या फिर पैदा होते ही.
लेकिन ऐसा करने की ज़रूरत क्यों आन पड़ी?
हो सकता है इस सवाल को पढ़कर आपके दिमाग़ में पहली बात ये आयी हो कि शायद ये किसी विशेष जाति के चूहे रहे होंगे जो विलुप्त होने की क़गार पर हैं लेकिन आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है.
रॉकेट में गड़बड़ी के बाद धरती पर लौटे अंतरिक्षयात्री
धरती का बढ़ता रहा बुख़ार तो आएगा महाप्रलय!
दरअसल, वैज्ञानिक सेक्स से जुड़े मौलिक प्रश्नों का जवाब खोज रहे थे.
स्तनधारियों में सेक्शुअल री-प्रोडक्शन होता है, मतलब इसके लिए मां के अंडाणु और पिता के स्पर्म का मेल होना ज़रूरी होता है.
लेकिन स्तनधारियों के अलावा दुनिया के दूसरे जीवों में प्रजनन के लिए ये कोई तय नियम नहीं है, कुछ मादा मछलियां, रेंगने वाले जीव, उभयचर और पक्षी अकेले ही प्रजनन कर लेते हैं.
....आश्चर्य में पड़ गए न! वर्जिन बर्थ की इस अजीबोग़रीब दुनिया में आपका स्वागत है. इस तरह के जीवों को पार्थेनोजेनेसिस कहते हैं.
चीन के शोधकर्ताओं ये जानने की कोशिश कर रहे थे कि प्रजनन का वो कौन सा नियम है जिसे तोड़कर वो एक ही लिंग के चूहों में प्रजनन करा सकते हैं.
अगर ये पता चल जाए किस नियम को हटाकर एक लिंग के जीवों में प्रजनन कराया जा सकता है तो ये भी समझने में देर नहीं लगेगी कि वो नियम इतने ज़रूरी क्यों हैं.
लेकिन शोधकर्ताओं ने इस सोच से परे काम को अंजाम कैसे दिया?
अगर कम शब्दों में कहा जाए तो सीधी और सरल बात है कि विज्ञान की अत्याधुनिक तकनीक से.
दो मादाओं के साथ ये कर पाना आसान है. शोधकर्ताओं ने एक मादा के अंडे लिए और दूसरे से एक विशेष प्रकार की कोशिका-हैप्लोइड भ्रूण स्टेम सेल.
दोनों में आवश्यक अनुवांशिक निर्देश या डीएनए केवल आधे थे, लेकिन दोनों को सिर्फ़ साथ लाना ही पर्याप्त नहीं था.
शोधकर्ताओं को इसके लिए एक ख़ास तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ा, जिसे जीन एडिटिंग कहते हैं. जीन एडिटिंग के द्वारा डीएनए के तीन सेट्स को हटा दिया गया ताकि वो एक दूसरे से जुड़ने में पहले से कहीं बेहतर हो जाएं.
लेकिन दो नरों के बीच यही प्रक्रिया कराना मादा की तुलना में मुश्किल है.
तो उन्होंने नियम तोड़ा लेकिन इससे पाया क्या?
हमें प्रजनन के लिए सेक्स की ज़रूरत डीएनए की वजह से होती है- डीएनए यानी आनुवांशिक कोड. इन्हीं की वजह से हर इंसान का व्यवहार दूसरे से अलग होता है. बच्चे में ये उसकी मां ये पिता से आता है.
इस शोध का नेतृत्व करने वाले डॉ. वी ली का कहना है कि इस शोध से ये पता चलता है कि क्या संभव हो सकता है.
तो क्या इंसानों में भी ये संभव है?
फिलहाल तो नहीं…
यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑकलैंड की डॉक्टर टेरेसा होम का कहना है कि आने वाले समय में शायद ये भी संभव हो जाए लेकिन फिलहाल तो नहीं. "संभव ये है कि यह शोध आने वाले समय में समान सेक्स वाले लोगों को स्वस्थ बच्चे जन्म देने की दिशा में मदद में मदद करे."
"हालांकि इस प्रक्रिया से जुड़ी अपनी चिंताएं हैं और सावधानियां हैं, जिसे दूर किए जाने की ज़रूरत है."
इसे तब तक आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए जब तक कि वैज्ञानिक इसकी पुष्टि न कर दें और जब तक इस बात की पुष्टि न हो जाए कि इस प्रक्रिया से जन्म लेने वाले बच्चे पूरी तरह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे,
डॉ बैज ने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि दो मादाओं के मेल से पैदा हुए बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर मैं बहुत यक़ीन के साथ नहीं कह सकता.
तो क्या आने वाले समय में सेक्स की ज़रूरत खत्म हो जाएगी?
"नहीं...फिलहाल तो नहीं."
ये भी पढ़ें...
पेशाब पीना क्या वाक़ई सेहत के लिए अच्छा होता है?
पांच ऐसे डिश जिन्हें आप कभी खाना नहीं चाहेंगे
कैंसर के ख़िलाफ़ जंग जिताएंगे ये दोनों वैज्ञानिक