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क्या सुशांत केस में आदित्य ठाकरे पर कसने वाला है CBI का शिकंजा, जानिए

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नई दिल्ली- सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई ही करेगी, यह तय होने के बाद महाराष्ट्र की सत्ताधारी दलों में एक आशंका पैदा हो रही है कि आने वाले दिनों में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे पर सीबीआई का शिकंजा कस सकता है। उन्हें लगता है कि जांच एजेंसी उन्हें पूछताछ के लिए भी बुला सकती है। इसको लेकर महा अघाड़ी के नेता अभी से अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं कि अगर ऐसी नौबत आती है तो उन्हें क्या करना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार की मुश्किल यह है कि वहां एक दुर्लभ स्थिति यह है कि पिता के कैबिनेट में बेटे को ओहदेदार मंत्री पद मिला हुआ है। जाहिर है कि अगर जांच ने कोई नया शक्ल अख्तियार किया तो विपक्ष को सरकार को घेरने को बहुत बड़ा मौका मिल सकता है।

सीबीआई जांच से महा अघाड़ी में खलबली

सीबीआई जांच से महा अघाड़ी में खलबली

बॉलीवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत की जांच सीबीआई के हाथों में जाने के साथ ही महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार के भीतर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर खलबली मची हुई है। गठबंधन के नेताओं को अंदर ही अंदर लगता है कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री के लिए गठबंधन धर्म और उनके मंत्री पुत्र आदित्य ठाकरे को लेकर परिवार की चिंता के बीच में संतुलन कायम रखना किसी अग्निपथ पर चलने से कम नहीं रहने वाला। क्योंकि, गठबंधन के नेताओं को आशंका है कि अगर सीबीआई की जांच ने कोई नया मोड़ लिया तो वह मुख्यमंत्री के रणनीतिक कौशल के लिए परीक्षा की घड़ी साबित हो सकती है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार में गठबंधन के कई नेताओं की राय है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अघाड़ी सरकार को इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि सीबीआई आदित्य ठाकरे को पूछता के लिए भी बुला सकती है। जिसके बाद भाजपा उनपर हमले तेज करते हुए इस्तीफे की मांग कर सकती है।

सीबीआई जांच में बीजेपी की दिलचस्पी से सत्ताधारी दल आशंकित

सीबीआई जांच में बीजेपी की दिलचस्पी से सत्ताधारी दल आशंकित

महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार के कई नेताओं को लगता है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जिस तरह से इस केस की सीबीआई जांच में दिलचस्पी दिखाई है, उससे लगता है कि वह मातोश्री से बदला लेना चाहती है। एनसीपी और कांग्रेस के कई नेता इस बात के लिए शिवसेना से सहमति दिखा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी आदित्य ठाकरे को निशाना बना रही है। उन्हें लगता है कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से पहले ही केंद्र ने सीबीआई जांच की बिहार सरकार की सिफारिश मान कर जांच उसके हवाले कर दी, उससे लगता है कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए उद्धव ठाकरे और शिवसेना से राजनीतिक बदला लेना चाहती है। जबकि, वे ये भी दावा करते रहे हैं कि इसके पीछे बिहार में होने वाला चुनाव है।

उद्धव ठाकरे के रवैए से घटक दलों में मायूसी

उद्धव ठाकरे के रवैए से घटक दलों में मायूसी

कहीं ना कहीं महाराष्ट्र में शिवसेना के घटक दलों के नेताओं की यह भी राय है कि जब बीजेपी ने सुशांत सिंह राजपूत केस की सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सहयोगी दलों के नेताओं के बीच इसपर राजनीतिक चर्चा करनी चाहिए थी। लेकिन, उन्होंने इसे मुख्य रूप से अपने परिवार और निजी वफादारों तक ही सीमित रखने की कोशिश की। इसका नतीजा ये हुआ कि विपक्ष ज्यादा आक्रामक हो गया और यहां तक की सीबीआई जांच की सिफारिश भी मान ली। उद्धव के सहयोगी तब इस बात से अंदरखाने बहुत मायूस हो गए थे, जब उन्हें पता चला कि उन्होंने चुपचाप अपने एक वफादार शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मनाने के लिए भेज दिया। उन्हें उम्मीद थी कि गडकरी पार्टी से उठ रहे सीबीआई जांच की मांग को दबा देंगे, लेकिन इसमें उद्धव नाकाम रहे।

क्या आदित्य ठाकरे पर कसने वाला है CBI का शिकंजा?

क्या आदित्य ठाकरे पर कसने वाला है CBI का शिकंजा?

गठबंधन के एक नेता ने जांच में ठाकरे के शामिल होने की आंशका जताते हुए कहा कि, 'कई विपक्षी नेताओं और राजनीतिक परिवार ने केंद्रीय एंजेसियों की जांच का सामना किया है, लेकिन इससे लड़कर बाहर निकल रहे हैं। शायद ठाकरे भी इस लिस्ट में शामिल होने वाले हैं और उनकी परीक्षा होने वाली है।....'वहीं महाराष्ट्र के एक मंत्री ने नाम नहीं बताने की शर्त पर आरोप लगाया है कि, 'योजना के तहत लिखी गई स्क्रिप्ट इसी दिशा में बढ़ने वाली है और हमें इससे सूझबूछ के साथ राजीनितक और एकजुट रहकर निपटना होगा, भावनात्मक या निजी तौ पर नहीं। '

आदित्य से पूछताछ हुई तो और आक्रामक हो सकती है भाजपा

आदित्य से पूछताछ हुई तो और आक्रामक हो सकती है भाजपा

दरअसल, पिता के मंत्रिमंडल में बेटे का कैबिनेट मंत्री रहना बहुत ही दुर्लभ मामला है, लेकिन महाराष्ट्र में पिछले साल जो महा अघाड़ी की सरकार बनी उसमें यह बहुत ही महत्वपूर्ण घटना घट चुकी है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने जिस तरह से मुख्यमंत्री बनने के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनाव जीतने के बाद उसका साथ छोड़ दिया था, जाहिर है कि महाराष्ट्र बीजेपी और उसके नेता उस बात को भूल नहीं पाई है; और यदि महा अघाड़ी के नेताओं की आदित्य ठाकरे से पूछताछ की आशंका सही साबित होती है तो प्रदेश भाजपा शांत बैठी रहेगी, ये लगता नहीं है।

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English summary
Can CBI screws over Aditya Thackeray in Sushant case, know
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