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केदारनाथ त्रासदी के 7 साल बाद शुरू हुआ लापता लोगों के कंकाल ढूंढने का अभियान, इस तरह की जाएगी पहचान

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नई दिल्ली। साल 2013 में आए केदारनाथ त्रासदी की यादें सात साल बाद भी लोगों के जेहन में ताजा है। बादल फटने से उत्तराखंड में हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्थल में से एक केदारनाथ में आई आपदा में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हादसे में कई लोग लापता हो गए थे जिनका आज तक कुछ पता नहीं चल पाया है। उत्तराखंड पुलिस ने अब उन्हीं लापता लोगों के कंकाल ढूंढने के लिए एक अभियान शुरू किया है। चार दिनों तक चलने वाले इस खोजी अभियान में मिले सभी नरकंकालों का डीएनए टेस्ट भी किया जाएगा।

लापता लोगों के कंकालों की तलाश शुरू

लापता लोगों के कंकालों की तलाश शुरू

मालूम हो कि बादल फटने के बाद केदारनाथ में 16 जून, 2013 में आई त्रासदी में हजारों लोगों की जान चली गई थी वहीं कई लोग लापता हो गए थे जिनके परिजनों को आज भी उनका इंतजार है। गढ़वाल रेंज के आईजी अभिनव कुमार ने बताया, 'इस त्रासदी में लापता हुए लोगों की संख्या और बरामद किए शवों की संख्या में बहुत अंतर है। इसलिए कंकालों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा।' बता दें कि आपदा आने के बाद से कई बार इस तरह के नर कंकालों को खोजने के लिए अभियान चलाए गए हैं।

नैनीताल हाई कोर्ट के निर्देश के बाद चला अभियान

नैनीताल हाई कोर्ट के निर्देश के बाद चला अभियान

त्रासदी के बाद नैनीताल हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार को आपदा में लापता हुए लोगों के नरकंकालों को खोजने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में बुधवार को एक और खोजी अभियान की शुरुआत की गई है। रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि खोजबीन के काम के लिए जिला स्तर पर 10 टीमों का गठन किया गया है। यह अभियान बुधवार सुबह 8 बजे से शुरू होगा।

स्थानीय लोगों की भी ली जाएगी मदद

स्थानीय लोगों की भी ली जाएगी मदद

यह सभी टीमें उन स्थानों पर सर्च अभियान चलाएंगी जहां आपदा का प्रभाव पड़ा था। नवनीत सिंह भुल्लर के मुताबिक हर टीम का नेतृत्व एक उप निरीक्षक करेगा। खोजी दल के सभी टीमों में 2 पुलिस कॉन्स्टेबल, 2 एसडीआरएफ कॉन्स्टेबल और एक फार्मासिस्ट शामिल है। इलाके की अच्छे से पहचान की जा सके इसलिए खोजी दल में कुछ स्थानीय युवाओं को भी शामिल किया गया है।

इन इलाकों में होगा सर्च अभियान

इन इलाकों में होगा सर्च अभियान

मिली जानकारी के मुताबिक हर टीम के पास सुरक्षा उपकरण, भोजन सामग्री, संचाल के लिए वायरलेस, फोटो-वीडियोग्राफी के लिए कैमरे और कैंपिंग के लिए टेंट सहित कई जरूरी सामनों को उपलब्ध कराया गया है। ये टीमें केदारनाथ से वासुकी ताल, गौरीकुंड, कालीमठ, चौमासी, रामबाड़ा, जंगल चट्टी, केदारनाथ बेस कैंप का ऊपरी क्षेत्र, केदारनाथ मंदिर के आसपास, गौरीकुंड, गऊ मुखड़ा, त्रियुगीनारायण, गरुड़ चट्टी, मुनकटिया, सोनप्रयाग आदि इलाकों में नर कंकालों की खोज करेगी।

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English summary
Campaign started to find skeletons of missing people after 7 years of Kedarnath tragedy
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