CAA और NRC के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को दिया झटका, विज्ञापनों पर लगाई रोक
कोलकाता। कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार को नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल सिटिजन रजिस्टर (NRC) के मुद्दे पर झटका दिया है। हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को उन सभी विज्ञापनों पर रोक लगाने को कहा है जिसमें कहा गया था राज्य में एनआरसी और सीएए लागू नहीं किया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से ही सीएए और एनआरसी का विरोध करती रही हैं।
ममता बार-बार यह कहती रही हैं कि वह इसे अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगी। अब कोर्ट ने इस तरह के किसी भी सरकारी विज्ञापन पर रोक लगा दिया है। रविवार को भी ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा था। ममता ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरसी के प्रस्तावित एनआरसी पर सार्वजनिक रूप से गृहमंत्री के रूख से विपरीत बयान दिया है। बनर्जी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी पर उनकी और मोदी की टिप्पणियां सभी के सामने हैं और लोग तय करेंगे कि कौन सही है और कौन गलत।
एनआरसी और सीएए को लेकर पश्चिम बंगाल में चल रहे प्रदर्शन को लेकर भी ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए भाजपा ने कुछ लोगों को धन दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बाहर की कुछ ताकतें मुस्लिम समुदाय का मित्र होने का दिखावा कर रही हैं और वे तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल हैं। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनका कहना था, 'राज्य से बाहर की कुछ ताकतें जो अल्पसंख्यकों की मित्र होने का दिखावा कर रही हैं, वे हिंसा में शामिल हैं। ये ताकतें भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं, उनके जाल में नहीं फंसें।'
ममता बनर्जी ने आगे कहा, 'जब तक मैं जिंदा हूं, मैं एनआरसी और नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी। आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें अथवा मुझे सलाखों के पीछे डाल दें, लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी...यदि वे इसे बंगाल में लागू करना चाहते हैं तो उन्हें मेरी लाश पर ही ऐसा करना होगा।'