पश्चिम बंगाल में मचा घमासान, राज्यपाल ने लगाए ममता दीदी पर ये गंभीर आरोप
Calcutta: Governor Jagdeep Dhankhar accuses CM, Mamata Banerjee is continuously ignoring the Constitution
कोलकाता। देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। लेकिन देश में कुछ कुछ स्थानों पर लॉकडाउन के उल्लंघन की खबरें सामने आ रही हैं। केन्द सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए पश्चिमबंगाल समेत देश के कुल छह राज्यों में केन्द्रीय जांच दल टीम भेजी हैं। जांच टीम कोलकाता भी भेजी गई है जिसपर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध करते हुए केन्द्र सरकार को घेर रही हैं। वहीं अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। देश व्यापी लॉकडाउन के बीच यहां के राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी को भेजा गया एक पत्र भी ट्वीटर पर साक्षा किया हैं।
संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया है
बता दें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। राजभवन के साथ किसी भी तरह की सूचना साझा नहीं करने को लेकर श्री धनखड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री का आचरण अलोकतांत्रिक है और इससे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ रही है। उन्होंने इसके संबंध में एक ट्वीट किया है और जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखी अपनी चिट्ठी साझा की है।
दावा किया कि राज्य सरकार के रवैये के कारण महामारी गंभीर रुप ले रही है
राज्यपाल ने इस चिट्ठी के जरिए पश्चिम बंगाल सरकार पर राशन घोटाला करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि सरकार के इस नकारात्मक रवैये की वजह से महामारी के समय राज्य के लोग पीड़ित हैं और स्थिति गंभीर होती जा रही है। राज्यपाल ने लिखा है कि ऐसे समय में जब सबको मिल जुलकर आपदा से मुकाबला करने की जरूरत है। तब राज्य सरकार के साथ मेरी न्यूनतम बातचीत भी नहीं हुई है। स्थिति अति गंभीर है और बार-बार कहने के बावजूद ममता बनर्जी अपना संवैधानिक दायित्व नहीं निभाती हैं।
|
सीएम झूठ बोल रही थी
धनखड़ ने याद दिलाया है कि ममता ने 22 मार्च को दावा किया था कि केंद्र सरकार उन्हें पर्याप्त जांच किट उपलब्ध नहीं कराती है, लेकिन उसके बाद जब श्री धनखड़ ने खुद केंद्र सरकार से संपर्क साधा तो पता चला कि सीएम झूठ बोल रही थीं और बंगाल में पर्याप्त संख्या में जांच किट थे। इसी तरह से राशन वितरण प्रणाली का राजनीतिक अपहरण हो चुका हैं।
Recommended Video
गोदाम में पड़ा रहा अनाज, गरीबों तक नहीं पहुंचने दे रही सरकार
अपनी चिट्ठी में राज्यपाल ने लिखा है कि 23 मार्च को ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने 3 महीने के लिए निशुल्क राशन की घोषणा कर दी थी. उसके बाद वह केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के संपर्क में थे और पता चला कि पश्चिम बंगाल सरकार लोगों को केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाले राशन नहीं ले रही थी जबकि एफसीआइ के गोदाम में राशन पड़े हुए थे. यह भयावह स्थिति है.
ममता बनर्जी का यह अहंकारपूर्ण बर्ताव स्वीकार्य नहीं होगा
राज्यपाल ने कहाकि हाल की कुछ घटनाओं में इस बात की जानकारी मिली है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की चूक की वजह से राशन वितरण में कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हुई है। यह एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने लिखा है कि ममता बनर्जी को समय निकालकर उनसे मुलाकात करनी चाहिए और राज्य सरकार की तैयारियों से अवगत कराना चाहिए। राज्यपाल ने पत्र में ये भी लिखा कि आपदा के इस समय में ममता बनर्जी का यह अहंकारपूर्ण बर्ताव स्वीकार्य नहीं होगा
|
स्वास्थ्य योद्धाओं और सरकार के बीच अविश्वास है,
राज्यपाल ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि स्वास्थ्य योद्धाओं और सरकार के बीच अविश्वास है, यह एक चिंताजनक स्थिति है। मुझे चिकित्सकों और उनके लोगों द्वारा ये संकेत दिए गए हैं कि कोरोना से मरने वालों की घोषणा करने लिए आखिर ऑडिट कमेटी क्यों बनाई हैं।
आरोग्य सेतु के बाद मोदी सरकार ने शुरू की 'कोविड इंडिया सेवा', जानिए क्या हैं इसमें खास