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Rafale Deal: संसद में आज CAG पेश करेगी अपनी रिपोर्ट, कांग्रेस ने जताया ये संदेह

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नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर आज सीएजी अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिसमे 59000 करोड़ रुपए की राफेल डील को लेकर सीएजी अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगा। नियम के अनुसार एक बार जब सीएजी अपनी रिपोर्ट को पेश करती है तो इसकी एक प्रति राष्ट्रपति और एक प्रति वित्त मंत्रालय को भेजी जाती है। कभी-कभी इस प्रक्रिया में एक महीने तक की देरी भी हो जाती है। संसद में सीएजी की रिपोर्ट पेश होने के बाद यह पीएसी के पास जाती है जिसका अध्यक्ष विपक्ष का नेता है जो इस रिपोर्ट की आगे की समीक्षा करता है। मौजूदा समय में मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्ष के नेता हैं और पब्लिक अकाउंट कमेटी के चेयरमैन हैं।

तमाम जानकारी होगी शामिल

तमाम जानकारी होगी शामिल

इस रिपोर्ट को तैयार करने में तकरीबन एक वर्ष का समय लगा है, जिसमे कीमतों से लेकर, आवेदित मूल्य और जो कीमत इसको लेकर प्राप्त हुई थी उसकी जानकारी शामिल है। इस रिपोर्ट में दुनियाभर में जो अन्य फाइटर जेट उपलब्ध हैं उनकी कीमतों का भी ब्योरा होगा। आपको बता दें कि सरकार से सरकार के बीच राफेल डील 23 सितंबर 2016 को फाइनल हुई थी, जिसमे 36 राफेल जेट खरीदने पर सहमति बनी थी। सीएजी अ्पनी रिपोर्ट में माना जा रहा है कि 50 फीसदी ऑफसेट कॉट्रैक्ट की भी जानकारी को शामिल करेगी जो प्राइवेट पार्टी की तरफ से डसॉल्ट को दी गई थी, जोकि प्रेंच एयरक्राफ्ट कंपनी हैं।

सरकार ने दी थी जानकारी

सरकार ने दी थी जानकारी

इस डील के फाइनल होने के बाद ही एनडीए सरकार ने संसद में इसकी जानकारी दी थी और कहा था कि इसकी कीमत 670 करोड़ रुपए होगी। जिसके बाद कांग्रेस ने मांग की थी कि इस डील की जानकारी साझा की जाए क्योंकि मौजूदा सरकरा ने जेट को अधिक कीमत में खरीदा है। वहीं रिपोर्ट के संसद में पेश होने से पहले ही कांग्रेस ने सीएजी मुखिया राजीव महर्षि पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर सरकार की मदद करने और उसे क्लीन चिट दी है।

रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया

रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि राजीव महर्षि वित्त सचिव थे जब इस डील को लेकर ऐलान किया गया था। ऐसे में आप खुद राफेल डील में शामिल थे। यही नहीं 36 राफेल विमान की कीमतों को लेकर बातचीद मई 2015 में शुरू हुई थी। इसमे वित्त मंत्रालय के सदस्य, फाइनेंस एजवाइजर, भीब शामिल थे। ऐसे में आप भी राफेल डील में शामिल हैं, लिहाजा यह हितों का टकराव है। कांग्रेस ने सीएजी रिपोर्ट के पेश होने से पहले ही इसपर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

सिब्बल की दो टूक

सिब्बल की दो टूक

कपिल सिब्बल ने कहा कि हम समझते हैं कि सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है, बतौर सीएजी आप सरकार की मदद कर रहे हैं और उन्हें उस रिपोर्ट में क्लीन चिट दे रही हैं जोकि संसद में पेश होने वाली है। अधिकारियों को एक बात समझनी चाहिए, चुनाव आते हैं जाते है कभी हम सत्ता में तो कभी विपक्ष में होंगे। कुछ अधिकारी हैं जो प्रधानमंत्री के प्रति खुद को भरोसेमंद दिखाने की कोशिश कर र हे हैं बावजूद इसके कि हितों का टकराव साफ दिखाई दे रहा हैं। हम ऐसे लोगों पर नजर रख रहे हैं। सीएजी के चेयरपर्सन अकेले नहीं हैं बल्कि और भी ऐसे अधिकारी हैं जो इस तरह का काम कर रहे हैं।

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English summary
CAG to table its report on Rafale deal Congress questioned the CAG chairperson.
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