सीएजी रिपोर्ट में रेलवे की खिंंचाई, लेट-लतीफी रोकने के लिए प्लेटफार्म की संख्या बढ़ाई जाए
कॉम्प्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल (CAG) ने ट्रेनों की टाइमिंग की ठीक करने की बजाय केवल यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान देने के लिए रेलवे को फटकार लगाई है।
नई दिल्ली। कॉम्प्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल (CAG) ने ट्रेनों की टाइमिंग की ठीक करने की बजाय केवल यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान देने के लिए रेलवे को फटकार लगाई है। संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में सीएजी ने कहा कि स्टेशनों की आधुनिकीकरण योजनाओं में आधारभूत बाधाओं को संबोधित करना चाहिए। रेलवे ने ट्रेनों की लेट-लतीफी का कारण छोटे प्लेटफॉर्म और उनकी कमी बताया। इन्हें दूर करने के लिए रेलवे को प्लान बनाने के लिए कहा है।
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्टेशनों की विकास योजना मुख्य रूप से स्टेशन परिसर में यात्रियों के लिए सुविधाएं को संबोधित करती है और ट्रेनों के समय पर आगमन-प्रस्थान सुनिश्चित करने में आ रही बाधाओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है। सीएजी ने 15 स्टेशनों पर ट्रेनों का निरीक्षण किया। सीएजी ने पाया कि इन स्टेशनों पर प्रतिदिन हैंडल करने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ रही हैं। सीएजी ने पाया कि ट्रेनों की संख्या में वृद्धि के अनुसार स्टेशनों पर प्लेटफार्मों, वाशिंग पिट लाइनों और स्थिर लाइनों जैसे बुनियादी ढांचे को नहीं बढ़ाया गया था।
कैग की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 स्टेशनों पर मार्च 2017 तक 2,436 ट्रेने हैंडल की गईं जिनमें से 638 ट्रेनों में 24 से ज्यादा कोच थे। कैग ने कहा कि ऐसी ट्रेनों को लंबे प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है। इतना ही नहीं, कैग ने स्टेशन के आउटर पर ट्रेनों को रोकने के लिए भी रेलवे की खिंचाई की। कैग ने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्मों की कमी भी ट्रेनों को आउटर पर रोकने के बड़ा कारण है।
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रेलवे को दिए अपने सुझावों में कैग ने कहा कि सभी जोनल रेलवे को ज्यादा पैसेंजर ट्रैफिक से निपटने के लिए एक मास्टर प्लान बनाना होगा। साथ ही स्टेशनों के आधुनिकीकरण से पहले स्टेशनों पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाकर उसे बढ़ाया जाएगा।
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