कैबिनेट मंत्री निर्मला सीतारमण: सेल्स गर्ल से केंद्रीय मंत्री तक का सफर
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में जीत हासिल करने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे। शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें देश-दुनिया से 6000 मेहमान शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह से पहले मोदी कैबिनेट के मंत्रियों के नाम तय कर लिए गए हैं। इन नामों में एक नाम हैं निर्मला सीतारमण। पिछली सरकार में रक्षा मंत्री की कमान संभालने वाली निर्मला सीतारमण को एक बार फिर से मोदी सरकार में जगह दी गई है।
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निर्मला सीतारमण एक सशक्त महिला
नरेंद्र मोदी की नई सरकार में बीजेपी की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण को फिर से शामिल किया गया है। निर्मला सीतारमण पार्टी की उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने बेहद कम समय में अपना अलग मुकाम हासिल किया है। 2014 की मोदी सरकार में निर्मला सीतारमण ने सशक्त रक्षा मंत्री का दायित्व निभाया। उन्होंने कड़ी चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने इन चुनौतियां का डटकर मुकाबला किया।
सेल्स गर्ल से रक्षा मंत्री तक का सफर
निर्मला सीतारमण ने जेएनयू से इकोनॉमिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल की है। उनके पिता भारतीय रेलवे में कार्यरत रहे, जिसकी वजह से वो अलग-अलग शहरों में घूमती रही। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक उनकी शादी डॉक्टर पराकाला प्रभाकर से हुई। पढ़ाई के लिए उनके पति लंदन चले गए, जिनके साथ निर्मला सीतारमण भी लंदन में रहने लगीं। वहां उन्होंने एक होम स्टोर में बतौर सेल्सगर्ल भी काम किया। इसके बाद वो सीनियर मैनेजर बन गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजनीति में आने से पहले उन्होंने यूके की एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन में बतौर असिस्टेंट और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम किया।
राजनीति में एंट्री
साल 2003 से 2005 तक वो नेशनल कमीशन फॉर वुमन की सदस्य रही। वो एक अच्छी वक्ता और अपनी बातों को प्रमुखता से रखना जानती हैं। उन्होंने बीजेपी की प्रवक्ता के रूप में बेहतरीन काम किया, जिसके बाद साल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। तंबर 2017 को सीतारमण को रक्षामंत्री का प्रभार सौंपा गया। उनके नामों को लेकर पीएम मोदी के साथ-साथ विरोधियों ने भी तारिफ की। अब एक बार फिर से उन्हें मोदी कैबिनेट में अहम जगह दी गई है।
11 साल में तय किया सफर
तमिलनाडु के एक साधारण से परिवार से आनेवाली निर्मला के पिता रेलवे में नौकरी करते थे। 18 अगस्त 1959 को जन्मीं निर्मला घर की लाडली थीं। मां हाउस वाइफ थीं। पिता की नौकरी में बार-बार ट्रांसफर होता रहता था, जिसकी वजह से वह तमिलनाडु के कई हिस्सों में रहीं।उन्होंने अपने सफर को कभी रूकने नहीं दिया और बीजेपी में एक साधारण कार्यकर्ता से देश की दूसरी रक्षा मंत्री का सफर 11 सालों में पूरा कर लिया।