दिल्ली से सिर्फ हर्षवर्धन को मिली मोदी के मंत्रिमंडल में जगह, बाकी के हाथ लगी निराशा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में क्लीन स्वीप किया है। पार्टी ने दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। कयास लगाए जा रहे थे कि क्रिकेट के बाद राजनीती के मैदान में पारी शुरू कर रहे गौतम गंभीर को जीत का इनाम मिलेगा और उन्हें मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दिल्ली से सिर्फ एक सांसद को मोदी सरकार में शामिल किया गया है और वह है डॉक्टर हर्षवर्धन। प्रधानमंत्री मोदी के साथ कुल 57 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिसमे डॉक्टर हर्षवर्धन भी शामिल हैं।
पिछली सरकार में इन्हें मिला था मौका
इससे पहले दिल्ली से भाजपा सांसद विजय गोयल को सरकार में मंत्रीपद दिया गया था, लेकिन इस बार उन्हें सरकार में जगह नहीं मिली है। लेकिन डॉक्टर हर्षवर्धन को दूसरी बार भी मंत्रिपरिषद में शामिल होने का मौका मिला है। पिछली सरकार में उन्हें पहले स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अर्थ साइंस, मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ एंड साइंस का जिम्मा सौंपा गया था। मई 2017 में उन्हें पर्यावरण मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। बता दें कि हर्षवर्धन ने दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के जेपी अग्रवाल को 2.11 लाख वोटों से हराया है।
मनोज तिवारी के नाम पर चर्चा
कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार मोदी सरकार में मनोज तिवारी को भी मौका मिल सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि मनोज तिवारी को यह मौका मिलना चाहिए था क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया है बल्कि दिल्ली भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन माना जा रहा है कि अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में मनोज तिवारी और विजय गोयल मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं।
कई मेहमान हुए शामिल
गौरतलब है कि पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए करीब 8000 मेहमान पहुंचे हैं। विदेश से आए मेहमानों में बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान के प्रमुख शामिल हुए हैं। मोदी सरकार के पूर्व मंत्रियों में शामिल सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल में नहीं शामिल होने का फैसला किया। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाए। वहीं विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज भी स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई। सुषमा मोदी सरकार के पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थीं और इस बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था।
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