मोदी सरकार 2.0 में अमित शाह को बड़ी जिम्मेदारी, संभालेंगे देश के गृह मंत्री का पद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई कैबिनेट ने गुरुवार को शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह के दौरान नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके बाद कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने शपथ लिया। शपथ ग्रहण के बाद सभी को इंतजार इस बात का था कि आखिर नई कैबिनेट में किसे-कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी। इस बात से पर्दा उठ गया है, नई कैबिनेट में विभागों का बंटवारा शुक्रवार कर दिया गया। नई कैबिनेट में अमित शाह को गृह मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं पिछली बार गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्री बनाया गया है।
अमित शाह देश के नए गृहमंत्री
बीजेपी अध्यक्ष और गांधीनगर लोकसभा सीट से सांसद अमित शाह को लेकर लगातार सस्पेंस था कि आखिर उन्हें नई सरकार में क्या जिम्मेदारी मिलेगी। शपथ ग्रहण के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर राजनाथ सिंह ने शपथ ली। उनके बाद फिर अमित शाह ने तीसरे नंबर पर शपथ ग्रहण किया। इससे एक बात तो साफ हो गई थी कि उन्हें कोई बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है। फिलहाल नई कैबिनेट में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। अमित शाह को देश का गृहमंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में राजनाथ सिंह गृहमंत्री थे। इस बार राजनाथ सिंह को रक्षामंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।
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अमित शाह के राजनीतिक सफर पर एक नजर
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर, 1964 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ था। 14 वर्ष की छोटी आयु में शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए। यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत समझी जाती है। बाद में अमित शाह कॉलेज की पढ़ाई के लिए अहमदाबाद आए, जहां उन्होंने एबीवीपी की सदस्यता ली। साल 1982 में बायो-केमेस्ट्री के छात्र के रूप में अमित शाह अहमदाबाद में छात्र संगठन एबीवीपी के सचिव बन गए। साल 1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी। ये दोस्ती समय के साथ मजबूत होती चली गई। शाह ने पहली बार सरखेज से 1997 के विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमाई और तब से 2012 तक लगातार पांच बार वहां से विधायक चुने गए।
गांधीनगर लोकसभा सीट से 557014 वोटों से शाह ने दर्ज की जीत
नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद शाह और अधिक मजबूती से उभरे। 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार की कैबिनेट में उन्होंने गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। जब नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर लाया गया तो अमित शाह को भी पूरे देश में बीजेपी के प्रचार-प्रसार में शामिल किया गया। उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता का अंदाजा तब लगा, जब 16 मई 2014 को सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आए। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें हासिल कीं और उसके सहयोगियों को दो सीटें मिलीं। इस तरह एनडीए को कुल मिलाकर 73 सीटें मिलीं। 2014 में भारतीय जनता पार्टी को शानदार जीत दिलाने के बाद भी अमित शाह रुके नहीं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी को 2019 में 2014 से भी बड़ी जीत दिलाने का करिश्मा कर दिखाया है। 2019 लोकसभा चुनाव में अमित शाह गांधी नगर से चुनाव मैदान में उतरे और साढ़े पांच लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की।
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