मानवाधिकार संरक्षण संशोधन विधेयक 2018 को मिली कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में मानव अधिकारों के बेहतर संरक्षण और संवर्धन के लिए मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2018 को अपनी स्वीकृति दे दी है। इस विधेयक में आयोग के मानित सदस्य के रूप में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शामिल करने का प्रस्ताव है। इसमें विधेयक आयोग के गठन में एक महिला सदस्य को जोड़ने का प्रस्ताव है। विधेयक में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के लिए पात्रता और चयन के दायरे को बढ़ाने का प्रस्ताव है। बताया गया कि विधेयक में केन्द्रशासित प्रदेशों में मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों को देखने के लिए एक व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है। विधेयक में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल में संशोधन का प्रस्ताव है, ताकि इसे अन्य आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल के अनुरूप बनाया जा सके।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस संशोधन से भारत में मानव अधिकार संस्थानों को मजबूती मिलेगी और संस्थान अपने दायित्वों और भूमिकाओं तथा जिम्मेदारियों का कारगर निष्पादन कर सकेंगे। इतना ही नहीं, संशोधित अधिनियम से मानवाधिकार संस्थान जीवन, स्वतंत्रता, समानता तथा व्यक्ति के सम्मान से संबंधित अधिकारों को सुनिश्चित करने में सहमत वैश्विक मानकों का परिपालन करेंगे।
इसके जरिए मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम. 1993 में संशोधन से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) तथा राज्य मानव अधिकार आयोग (एसएचआरसी) कारगर तरीके से मानव अधिकारों का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए अपनी स्वायत्तता, स्वतंत्रता, बहुलवाद तथा व्यापक कार्यों से संबंधित पेरिस सिद्धांत का परिपालन करेंगे।