दिल्ली: चश्मदीद ने बताया- 'वाहनों से पेट्रोल निकालकर यात्रियों से भरी बसों में आग लगाई गई'
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में देश के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। असम और पश्चिम बंगाल के बाद अब दिल्ली में भारी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी गई। दिल्ली में हुई हिंसा में कई निजी वाहनों और सीएनजी बसों में आग लगा दी गई। अब इस हिंसा के चश्मदीद ने आंखों देखी कहानी बताई है।
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बसों में आग लगाई गई
चश्मदीद का कहना है कि यात्रियों से भरी बसों में आग लगाने के लिए सड़क पर खड़े दो पहिया वाहनों से पेट्रोल निकाला गया था। इस दौरान लोगों की भीड़ नए नागरिकता कानून का विरोध करती दिखी जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हो गई। इस हिंसा में तीन बसों में आग लगाई गई, एक दमकल की गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया और दो दमकलकर्मी भी घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डंडों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
पुलिस पर पत्थरबाजी
इस घटना के कई वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जामिया के छात्रों मे खुद को हिंसा से दूर रखा और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इन प्रदर्शनों में स्थानीय गुंडे भी शामिल हो गए थे। जब इन लोगों को जंतर मंतर की ओर जाने से रोका गया तो इन्होंने वाहनों में आग लगाई और पुलिस पर पत्थरबाजी की।
आदमियों की संख्या 15 से 20 थी
रवि नामक चश्मदीद ने बताया, 'कुछ व्यक्ति दो पहिया वाहनों से पेट्रोल निकाल रहे थे और बसों में आग लगा रहे थे, जब उसके अंदर लोग मौजूद थे। बहुत दहशत थी। एक युवती जोर-जोर से सिसक रही थी।' रवि ने बताया कि इन आदमियों की संख्या 15 से 20 थी। जब पुलिस आई तो ये अलग-अलग दिशाओं में जाने लगे। इनमें से एक ने पुलिस पर पत्थर फेंके। मैंने देखा था उनके सिर से खून बह रहा था।
कोई मामला दर्ज नहीं
हालांकि सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों के घायल होने की खबरें आ रही हैं। लेकिन पुलिस ने अभी आधिकारिक तौर पर घायलों की संख्या नहीं बताई है। अभी तक कोई मामला भी दर्ज नहीं किया गया है। कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।