CAA हिंसा: हम हर घटना पर सुनवाई नहीं कर सकते, पहले हाईकोर्ट जाएं- सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर देश के अगल-अगल हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। उत्तरपूर्वी राज्यों से शुरू हुआ यह विरोध अब उत्तर भारत तक फैल चुका है। यह मामला अब उच्चतम न्यायालय तक भी पहुंच गया है, मगंलवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम देश में होने वाली हर घटना पर ध्यान नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या उन्होंने अपनी अपील के लिए पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था?
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून के रूप में लागू हो चुका है। देशभर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन चरम पर है, रविवार को राजधानी दिल्ली में भी प्रदर्शनकारियों और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने जमकर हंगामा किया। नागरिकता कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भी हिंसक प्रदर्शन हुए जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की गई। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने अपील पर सुनवाई की और याचिकाकर्ताओं से कहा कि पहले वह हाई कोर्ट से संपर्क करें, हम ट्रायल कोर्ट के रूप में कार्य नहीं करते हैं।
दिल्ली
में
फिर
मचा
बवाल
नागरिकता
संशोधन
कानून
को
लेकर
देश
के
कई
हिस्सों
में
प्रदर्शन
जारी
है।
जामिया
मिल्लिया
इस्लामिया
में
हुआ
हिंसक
प्रदर्शन
अभी
थमा
भी
नहीं
है
कि
पूर्वी
दिल्ली
के
जाफराबाद
से
पत्थरबाजी
की
गई।
जानकारी
के
मुताबिक
उपद्रवियों
में
पुलिस
पर
पत्थरबाजी
की
है
जिसके
जवाब
में
पुलिस
ने
भीड़
को
काबू
में
करने
के
लिए
आंसू
गैस
के
गोले
छोड़े।
दोपहर
करीब
1
बजे
यहां
पर
नागरिकता
कानून
के
खिलाफ
प्रदर्शन
किया
गया।
इस
बीच
करीब
एक
घंटे
बाद
भीड़
बेकाबू
हो
गई
और
पुलिस
पर
पथराव
करने
लगी।
उपद्रवियों
ने
डीटीसी
की
3
बसों
में
तोड़फोड़
की,
वहीं
पुलिस
की
एक
मोटरसाइकिल
में
आग
लगा
दी।
हालांकि
इसकी
अभी
तक
कोई
आधिकारिक
पुष्टि
नहीं
की
गई
है।
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