CAA Row: अब भागवत के बयान पर बोले ओवैसी -'हम बच्चे नहीं हैं जो भटक जाएं'
नई दिल्ली। रविवार को दशहरे के पावन पर्व पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, जिसमें भागवत ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) , चीन, हिंदूत्व और कोरोना को लेकर काफी कुछ कहा लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर संघ प्रमुख ने जो कहा, उससे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी इत्तफाक नहीं रखते हैं, उल्टा वो भागवत के बयान पर तिलमिला गए हैं।
उन्होंने गुस्से में ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि हम लोग कोई बच्चे नहीं हैं, जिन्हें आप मिसगाइड या भटका दें, ओवैसी ने कहा कि भाजपा ने यह नहीं बताया कि CAA+NRC का मतलब क्या है? अगर यह सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं है तो सभी कानून से धर्म शब्द हटा दे, लेकिन वो सच नहीं बताएगी , लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं है, हमलोग बार-बार प्रदर्शन करते रहेंगे, जबतक कानून में हमें खुद को भारतीय साबित करने की बात रहेगी, हम उस तरह के सभी कानून का विरोध करेंगे, जिसमें लोगों की नागरिकता धर्म के आधार पर तय की जाने की बात है, ये गलत है और हम गलत बात का विरोध करेंगे।
'CAA के नाम पर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है'
गौरतलब है कि रविवार को भागवत ने अपने संबोधन में कहा था कि CAA के नाम पर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है, कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के चक्कर में इसे आधार बनाकर समाज में विद्वेष व हिंसा फैलाने का षडयंत्र चला रहे हैं। इस कानून को संसद से पूरी प्रक्रिया से पास किया गया। इस षडयंत्र में शामिल लोग मुसलमान भाइयों के मन में यह बैठाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे अब भारत में नहीं रहेंगे,आपकी संख्या न बढ़े इसके लिए कानून बनाई गई, यह बात फैलाया गया। भारत के इस नागरिकता कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है।
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मालूम हो ओवैसी ने इससे पहले भी भागवत के उस बयान पर भी सवाल खड़े किए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं, उन्होंने कहा कि जब भारतीयता की बात आती है तो सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं। ओवैसी ने कहा था कि खुशी का पैमाना क्या है? , हमें तय करने दीजिए, यहां तो एक भागवत नाम का शख्स है, जो कि हमें बताता रहता है कि हमें बहुसंख्यकों के प्रति कितना आभारी होना चाहिए?, क्या संविधान के तहत हमारी मर्यादा का सम्मान किया जाता है या नहीं? हमारी खुशी का पैमाना यह है, हमें आप ना बताइए कि हमारी खुशी कहां और किसके हाथ में हैं, हमें ये खुद तय करने दीजिए।
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