जामिया में हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, CJI ने कहा- पहले हिंसा रुके, फिर करेंगे सुनवाई
Recommended Video
नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मामले को सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने उठाया है। जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ये मामला गंभीर है और इसपर संज्ञान लेना चाहिए। वकील ने कहा कि यह पूरे देश में गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
'हम किसी को आरोपी नहीं बता रहे'
इसपर सीजेआई ने कहा है कि पहले हिंसा रुके तब ही सुनवाई की जाएगी। सीजेआई ने कहा कि हम किसी को भी आरोपी नहीं बता रहे हैं, हम बस इतना कह रहे हैं कि हिंसा रुकनी चाहिए। हम किसी के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं। हम ये भी नहीं कह रहे हैं कि पुलिस या फिर छात्र निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि आप छात्र हैं इसलिए आपको हिंसा का अधिकार नहीं मिल जाता है। अगर हिंसा नहीं रुकी तो इस मामले में सुनवाई नहीं करेंगे।
'पहले हिंसा रुकनी चाहिए'
सीजेआई ने कहा, 'क्योंकि वह छात्र हैं इसका ये मतलब नहीं है कि वह कानून को अपने हाथों में ले लेंगे। कोई फैसला तभी लिया जाएगा जब चीजें ठीक हो जाएंगी। अभी हम कोई फैसला नहीं ले सकते। पहले हिंसा रुकने दें।' वहीं वरिष्ठ वकील कोलिन गोन्साल्विस ने कहा, 'जामिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत जज को जांच करनी चाहिए।'
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर
वहीं दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट में मामले पर याचिका दायर की गई है। जिसमें कोर्ट से कहा गया है कि न्यायिक जांच के माध्यम से जामिया मामले में हस्तक्षेप किया जाए। इस याचिका में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए 52 छात्र और घायल छात्रों को उचित चिकित्सा और मुआवजा दिया जाना चाहिए। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ताओं से कहा है कि रजिस्ट्री के माध्यम से कोर्ट आएं।
जामिया हिंसा पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज