CAA-NRC Protest का दिखने लगा साइड-इफेक्ट, अफवाहों के चलते बेगुनाह हो रहे शिकार
सीएए और एनसीआर के विरोध में देश भर में अफवाहों को बाजार गर्म हैं। यूपी में पोलियो ड्राप टीम को बंधक बनाकर पिटाई की,वही राजस्थान में जनगणना के लिए पहुंचे कर्मचारी को पहले पीटा फिर कुरान की आयतें पढ़वाई। जानें और घटनाएं। Rumors around the country in opposition to the CAA and NCR. know those all inc
बेंगलुरु। देश भर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध जारी हैं। लंबे समय से चल रहे मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संसोधित कानून और एनआरसी को लेकर लोगों में जबरदस्त कन्फ्यूजन हैं। इसके साइड अफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। इतना ही नहीं सीएए और एनआरसी को लेकर देश भर में जमकर अफवाहें भी फैलना शुरु हो चुकी हैं।नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे इस विरोध का असर अब कई क्षेत्रों में होता दिख रहा है।
सीएए और एनआरसी के बारे में फैली अफवाहों के कारण लोगों के गुस्से का शिकार अब सरकारी कर्मचारी और सरकारी योजनाओं से जुड़े कर्मचारी हो रहे हैं। कहीं कर्मचारी को बंधक बना लिया गया तो कहीं जनगणना के लिए पहुंचे कर्मचारी की जमकर पिटाई हुई। लोगों के बीच में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर इतना कंफ्यूजन फैल चुका है कि वह कोई भी जानकारी देने से डर रहे हैं और मारपीट पर उतारू हो जा रहे हैं। जानिए देश भर में पिछले दिनों वो घटनाएं जिसमें अपनी ड्यूटी कर रहे बेचारे कर्मचारी लहुलुहान तक हो गए।
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उत्तर प्रदेश के मेरठ में पोलियो पिलाने वाली टीम को बंधक बनाया
अभी पिछले शनिवार को यूपी के मेरठ जिले में पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली एक टीम जब पहुंची तो लोगों ने NPR टीम का समझकर बंधक बना लिया और जमकर धुनाई की। पोलियो टीम मेरठ के अली बाग कालोनी के घर में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने गई थी। वहां पर एक घर के परिजनों ने बच्चे को पोलियो ड्रॉप पिलाने से मना कर दिया। जिसके बाद टीम ने उन बच्चों और परिजनों के नाम पूछे ताकी वो अपने रिकार्ड में दर्ज कर ले। नाम पूछने पर वह टीम को उन्होंने नाम बताने के बजाय ,उल्टा गाली-गलौच करते हुए मारपीट शुरू कर दी। उनकी वैक्सीन छीन ली और सरकारी रजिस्टर तक फाड़ दिए। पूरे एक घंटे ये हंगामा चला।
स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों ने आकर छुड़ाया
आखिरकार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर लोगों को समझाया और पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली टीम को वहां से सुरक्षित निकालने में सफल हुई। परिजनों ने आरोप लगाया कि वो हमसे एनपीआर से संबंधित डेटा मांग रहे थे। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ एफआई आर भी दर्ज की हैं। आपको बता दें भारत को पोलियो मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा वर्षों से अभियान चलाया जा रहा है। पल्स पोलियो दिवस के अवसर पर कोई भी पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे छूट न जाएं इसके लिए सरकारी कर्मचारी घर घर जाकर बच्चों को पेालियो ड्राप पिलाते हैं। इस घटना के बाद कर्माचारियों में काफी भय व्याप्त हो गया है।
राजस्थान में कुरान की आयत सुनाया तब छोड़ा
दूसरी घटना राजस्थान के कोटा की हैं। वहां नजीरन नामक एक सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय आर्थिक जनगणना 2019-2020 का डेटा जमा करने पहुंचा था। इसी बीच कुछ लोगों ने उन्हें एनआरसी का सर्वे करने वाला समझ लिया और उनकी पिटाई करने लगे। इतना ही नहीं उन कर्मचारियों को जनगणना में पूरा डाटा तुरंत डिलीट करने को कहा। जब कर्मचारी ने उनकी नहीं बात मानने से इंकार कर दिया तो जबरन उनका मोबाइल फोन लेकर सारा डाटा खुद ही डिलीट कर दिया। नजीरन ने भीड़ को शांत करने के लिए कहा कि वह खुद एक मुस्लिम हैं। इस पर भीड़ ने उनसे कुरान की आयत सुनाने को कहा। जब नजीरन ने अपने पर्स में मौजूद अयात-अल-कुर्सी दिखाई, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। बता दें 2021 में जनगणना रिपोर्ट जारी होनी हैं। जिसके तहत पूरे देश में कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जमा करते हैं। तो ऐसे में जनगणना कैसे होगी? सबसे बड़ा सवाल तो ये कि जनगणना के लिए आंकड़े जमा करने कौन जाएगा? पता नहीं कब कौन सी अफवाह फैल जाए और किधर से भीड़ आकर जान इनकी जान लेने पर आमदा हो जाएं।
हैदराबाद में पोलियो की दवा पिलाने वालों से मारपीट
पिछली 20-21 जनवरी के दौरान हैदराबाद के गोलकोंडा और मुशीरबाग इलाकों से भी पोलियो ड्रॉप पिलाने वालों से मारपीट की घटना हुइ्र। हैदराबाद में पोलियो प्रोग्राम के अधिकारी नागार्जुन राव के अनुसार हर बार पोलियो बूथ के बाद उनकी टीम गांव-गांव जाकर उन बच्चों को पोलियो की दवा पिलाती है, जो बूथ पर किसी वजह से नहीं जा सके। इस बार भी उनकी टीम गांव-गांव गई, लेकिन कई मुस्लिम इलाकों में लोगों ने पोलियो की दवा पिलाने और किसी का भी नाम बताने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि कई इलाकों में तो पोलियो ड्रॉप पिलाने वालों से मारपीट भी की गई और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने की धमकी भी दी गई। ऐसे में पोलियो टीम घर-घर जाकर पोलियो ड्राप के लिए जाने से डर रही है।
पश्चिम बंगाल में महिला का घर जला दिया
एनआरसी के सर्वे वाली महिला समझकर पश्चिम बंगाल के बीरभूम में एक महिला का घर ही जला दिया गया। 20 साल की छुमकी खातून गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से ग्रामीण महिलाओं के डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़े आंकड़े जमा कर रही थीं। कुछ लोगों को लगा कि वह NRC के लिए डेटा इकट्ठा कर रही हैं। फिर क्या था लोगों में अफवाह फैलते ही लोगों ने ना आव देखा ना ताव और महिला पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं उनके घर में आग लगाकर जला दिया। इस मामले में भी पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
बिहार में रिसर्च के आंकड़े लेने पहुंची टीम को पीटा
यूपी के लखनऊ से बिहार में एक टीम रिसर्च करने गई थी। लखनऊ के दो पीएचडी करने वाले स्कॉलर्स कोअमेरिका के एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर भेजाा गया था। जब ये टीम दरभंगा जिले के जमालपुर पुलिस थाने के इलाके के एक गांव में रिसर्च कर रही थी, उसी दौरान कुछ लोगों ने उन्हें NRC के लिए डेटा जमा करने वाला समझ लिया और उनसे मारपीट की। पुलिस तक वहां पहुंच गई और मामला तब जाकर शांत हुआ जब पुलिस स्टेशन में गांव वालों को उन अधिकारियों की पहचान को वेरिफाई किया। पुलिस ने गांव वालों को तस्सली जब दे दी कि ये सीएए या एनआरसी से संबंधित डाटा नहीं एकत्र कर रहे तब पुलिस ने उन्हें छोड़ा।
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