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CAA: कोर्ट में सामने आया मुजफ्फरनगर पुलिस की एफआईआर में 'खेल' गिरफ्तारी घटनास्थल से, हथियारों की जब्ती 18 घंटे बाद

CAA: कोर्ट में सामने आया मुजफ्फरनगर पुलिस की एफआईआर का 'खेल' गिरफ्तारी घटनास्थल से, हथियारों की जब्ती 18 घंटे बाद

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नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ दिसंबर 2019 में उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शन में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। जिला मुजफ्फरनगर में पुलिस के रवैये पर कई गंभीर सवाल उठे। अब जबकि प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए लोगों के मामले अदालतों में चले गए हैं तो पुलिस कार्रवाई में कई झोल साफ दिख रहे हैं। पुलिस ने गिरफ्तारी ऑन-स्पॉट दिखाई तो हथियारों की बरामदगी 18 घंटे बाद।

CAA protest Muzaffarnagar police FIR contradictary shows arrests on spot but weapons seized 18 hrs later

इंडियन एक्सप्रेस ने मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ओर से की गई एफआईआर और असलहा जब्त करने को लेकर एक रिपोर्ट की है। इसके मुताबिक, पुलिस ने 20 दिसंबर के प्रदर्शन के बाद सैकड़ों लोगों पर आगजनी, हत्या का प्रयास और कई गंभीर धाराओं में एफआईआर की थी।

पुलिस ने 21 दिसंबर को 107 लोगों पर हत्या के प्रयास की एफआईआर की। मौके पर 73 गिरफ्तारियां हुईं लेकिन इसमें इस बात का जिक्र ही नहीं किया गया कि इन लोगों से क्या हथियार पुलिस ने जब्त किए हैं। एफआईआर के मुताबिक, किसी नामजद आरोपी से कोई हथियार जब्त नहीं किया गया। हथियार 18 घंटे बाद पुलिस ने बरामद किए।

कोर्ट में पुलिस ने हथियारों की बरामदी को लेकर कहा, घटना के एक दिन बाद पुलिस ने तीन देशी पिस्तौल, तीन 12 बोर के तमंचे, तीन एसबीबीएल 12 बोर, एक देशी बंदूक, तीन चाकू, तीन तलवारें, 30 खोखे, आठ खोके 12 बोर, और जिंदा बुलेट बरामद कीं। गिरफ्तारियां मौके पर हुईं लेकिन कोर्ट में हथियारों की बरामदी घटना के 18 घंटे बाद दिखाई गई है। जबकि सिविल लाइन थाने और घटना की जगह में 500 मीटर की दूरी है।

आरोपियों का केस लड़ रहे एक वकील ने इस पर कहा है कि पुलिस के रिकॉर्ड से ही साफ हो रहा है कि लोगों को गलत फंसाया गया है। रिकॉर्ड में हथियारों की जब्ती के वक्त स्वतंत्र गवाह भी नहीं है, जो कि जरूरी है। मुजफ्फरनगर एसपी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बता दें कि मुजफ्फरनगर पुलिस की भूमिका पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। हाल ही में अदालत ने 14 आरोपियों को जमानत दी थी क्योंकि पुलिस कोई पुख्ता सबूत इनके खिलाफ नहीं दे सकी थी। इससे पहले पुलिस ने खुद भी माना था कि कुछ लोगों की गलत गिरफ्तारियां हो गई हैं, जिन्हें छोड़ा भी गया।

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English summary
CAA protest Muzaffarnagar police FIR contradictary shows arrests on spot but weapons seized 18 hrs later
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