CAA-NRC:मायावती का बहुत बड़ा बयान, विरोध ऐसा न हो जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो जाए
नई दिल्ली- बसपा सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और एनआरसी को लेकर जारी विरोध और विवाद के बीच बहुत बड़ा बयान दिया है। हालांकि, उन्होंने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया है, लेकिन साथ ही साथ हिंसक विरोध को लेकर भी सख्त आपत्ति जताई है। उन्होंने दो टूक कहा है कि विरोध ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी कि धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे और न ही देश का माहौल बिगाड़ा जाना चाहिए।
बीएसपी चीफ मायावती ने बुधवार को बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह अपने सांप्रदायिक एजेंडे पर चलकर देश के संविधान को कमजोर कर रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने हिंसक विरोध को लेकर भी आगाह किया है। बीएसपी प्रमुख ने कहा है, "नया साल पिछले साल की तरह तकलीफदेह नहीं होना चाहिए। केंद्र और राज्य की सांप्रदायिक और संकीर्ण सोच वाली सरकार की वजह से 2019 में संविधान कमजोर हुआ।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खासकर जिस तरह से साल का अंत हिंसात्मक रहा, वह बहुत ही चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने सबसे बड़ी बात ये कही है कि, "विरोध इस तरह से होना चाहिए कि इससे किसी भी धर्म के व्यक्ति की भावना आहत नहीं होनी चाहिए, न ही इससे देश में माहौल ही खराब होना चाहिए।" नए साल पर उन्होंने एक बयान जारी करके ये बातें कही हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भी कहा है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। उन्होंने कहा है, "रहन-सहन और संस्कृति का उनका अपना तरीका है। हमें संस्कृतियों और धर्मों को सम्मान देना चाहिए।"
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