CAA, NPR और NRC पर JDU में बगावत तेज, पवन वर्मा ने नीतीश को लिखा पत्र, कहा- देश को बांटने वाले एजेंडे को करें खारिज
पटना। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू में बगवात तेज हो गई है। पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बाद जेडीयू नेता पवन वर्मा ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पवन वर्मा ने पत्र में लिखा है, "सीएए-एनआरसी हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का एक सीधा प्रयास है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना के खिलाफ एक स्टैंड लें और भारत को विभाजित करने के नापाक एजेंडे को खारिज करें।"
आपको बता दें कि इससे पहले भी पवन वर्मा ने संसद में इस कानून के पार्टी के समर्थन किए जाने का विरोध किया था और पार्टी के इस फैसले को निराशाजनक बताया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन पर दोबारा विचार करें। यह विधेयक पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है। यह विधेयक जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं। अगर आज गांधी जी होते तो इसका विरोध करते।'
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उल्लेखनीय है पवन वर्मा से पहले प्रशांत किशोर CAA को लेकर पार्टी लाइन से अलग बयान देते रहे हैं। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर इस बिल का विरोध किया था। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा था कि जदयू के द्वारा नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करना काफी निराशाजनक है। जदयू का इस मामले में समर्थन करना पार्टी के संविधान का भी उल्लंघन करता है और ये गांधी के विचारों के खिलाफ है। प्रशांत किशोर ने गैर-बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की थी कि संसद में बहुमत आगे रहा, अब न्याय पालिका के अलावा देश की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी देश के 16 गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री के ऊपर आ गई है। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि पंजाब, केरल और बंगाल के मुख्यमंत्री ने इस बिल को न कह दिया है, अब बाकियों को भी इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर देना चाहिए।