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CAA: पटना के गांधी मैदान में इस क़ानून के ख़िलाफ़ जुटी भारी भीड़

पटना के गांधी मैदान में विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित 'संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ महारैली' में हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ी है. इस रैली में शिरकत करने के लिए अलग-अलग दलों और मंचों के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे हैं. इनमें जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कन्हैया कुमार भी हैं. 

By रवि प्रकाश
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पटना के गांधी मैदान में इस क़ानून के ख़िलाफ़ जुटी भारी भीड़

पटना के गांधी मैदान में विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित 'संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ महारैली' में हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ी है.

इस रैली में शिरकत करने के लिए अलग-अलग दलों और मंचों के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे हैं. इनमें जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कन्हैया कुमार भी हैं.

कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन क़ानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में पूरे बिहार की यात्रा की थी. 'जन-गण-मन' नाम की इस यात्रा का समापन भी गुरुवार को ही हुआ है.

अब तक गांधी मैदान में जुटे लोगों को संबोधित कर चुके वक्ताओं ने बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ धर्मनिरपेक्ष दलों का मोर्चा बनाने की वकालत की है. महारैली को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि ''केंद्र की सत्ता पर क़ाबिज़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोगली ज़ुबान बोल रही है.''उन्होंने कहा, "सन 1948 में बापू को गोलियाँ मारी गईं. अब यह सरकार हमारे मुल्क को गोलियाँ मार रही है. इसका विरोध होना चाहिए. यह करना ही पड़ेगा क्योंकि देश को बाँटने वाली ताक़तों को हम कैसे आगे बढ़ने दे सकते हैं. ये लोग मुल्क के ज़ेहन में ज़हर घोल रहे हैं. गोली मारने के नारे लगवा रहे हैं. हमें ख़ुद को आज़ादी के लायक़ करना होगा."

BBC/RAVI PRAKASH

इसी महारैली में चर्चित सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटकर ने कहा कि कल रात शाहीन बाग़ और जाफ़राबाद में रहते हुए मैं यह महसूस कर रही थी कि शायद यह अपराध होगा. उन्होंने कहा, "दिल्ली के तख़्त को धक्का देना है तो यह पटना के गांधी मैदान से ही संभव है. मुझे विश्वास है कि बिहार से फिर एक आंदोलन उभरेगा. शाहीन बाग़ और जाफ़राबाद में सरकार जो हिंसा फैला रही है, उसके ख़िलाफ़ आपका संकल्प गद्दी हिला देगा. हमें अपनी जाति और मज़हब के नाम पर चलने वाली वोट बैंक की राजनीति की गुंडागर्दी को बाज़ू में रखकर आगे बढ़ना होगा."इससे पहले आज सुबह से ही पटना की विभिन्न सड़कों पर सैकड़ों लोगों के अलग-अलग जत्थे गांधी मैदान की तरफ़ आने लगे थे. अधिकतर लोगों ने अपने हाथों में तिरंगा ले रखा था. रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी भागीदारी रही.

RAVI PRAKASH/BBC

महारैली को पूर्व आइएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज इस अत्याचार और हिंसा के ख़िलाफ़ खड़े होने की ज़रूरत है.उन्होंने कहा, "पहले नागरिक सरकार को चुनते थे, अब सरकार नागरिक को चुनने की क़वायद कर रही है. एनआरसी और एनपीआर इस देश के हर नागरिक के ख़िलाफ़ है, यह हिंदू या मुसलमान के ख़िलाफ़ नहीं है. हमें पता है कि सरकार कैसे काम करती है. सरकार कहती है कि काग़ज़ दिखाओ. जिनके पास काग़ज़ नहीं है, क्या वे इस देश के नागरिक नहीं हैं?"

कन्हैया की यात्रा

सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने 30 जनवरी यानी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बिहार के पश्चिम चंपारण से 'जन गण मन यात्रा' शुरू की थी.

यह यात्रा नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिकता सूची (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या सूची (NPR) के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराने के लिए निकाली गई थी.

'जन गण मन यात्रा' के बारे में कन्हैया ने ट्विटर पर बताया था कि वह बिहार के सभी 38 ज़िलों से होते हुए क़रीब 4,000 किमी की यात्रा करके पटना पहुंचेंगे.

हालांकि, यात्रा के दौरान गोपालगंज और छपरा ज़िले में कन्हैया के क़ाफ़िले पर पथराव की घटनाएं भी सामने आईं.

RAVI PRAKASH/BBC

इस साल के आख़िर में बिहार में विधानसभा चुनाव संभावित हैं. ऐसे में कन्हैया की यात्रा के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.

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English summary
CAA: Massive crowd gathered in Patna's Gandhi Maidan in save constitution save citizenship rally
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