लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रों को पढ़ाया जाएगा CAA का पाठ, सिलेबस में होगा शामिल
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देशभर में मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश से एक अच्छी खबर सामने आई है। छात्रों को सीएए के बारे में अच्छे से समझाने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस कानून को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। गौरतलब है कि दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। सीएए को वापस लेने के लिए लोग लगातार मार्च निकाल कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में युवाओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया है। पिछले साल दिसंबर महीने में सीएए के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने मार्च निकाला था जिसमें हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे। इसी सिलसिले में लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ा कदम उठाया। शुक्रवार को राजनीति विभाग की विभागध्यक्ष शशि शुक्ला ने बताया कि सीएए को हम अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे और छात्रों को इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
Lucknow University to include #CAA as a topic. Shashi Shukla, HOD, Political Science says, “Under political science subject, we will introduce CAA. This is the most important topic right now&so it should be studied.Topic will include what,why,how citizenship law was amended” pic.twitter.com/SXJ3RkhBl3
— ANI UP (@ANINewsUP) January 24, 2020
सीएए पाठ्यक्रम को देखते हुए छात्रों में भी इसे लेकर उत्सुकता दिखाई दे रही है। शशि शुक्ला ने कहा, हम इसको पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे इस समय सीएए को पढ़ाया जाना काफी जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि इस टॉपिक में नागरिकता कानून क्या, कब कैसे बदला गया, इसे शामिल किया जाएगा। बता दें कि सीएए का विरोध कर रहे छात्रों को लेकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रनव मुखर्जी ने गुरुवार को कहा था कि भारत में लोकतंत्र की परीक्षा होती ही रहती है। पिछले कुछ महीनों से बड़ी संख्या में लोग, विशेषकर युवा सड़कों पर हैं और अपनी आवाज उठा रहे हैं। भारत के संविधान में उनका विश्वास देखने को मिल रहा है। लोकतंत्र में तर्क-वितर्क करने और सभी की बात सुनने का अधिकार होता है।
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