केरल उपचुनावः केरल की यह सीट 54 साल से थी यूडीएफ के कब्जे में, अब इस पार्टी ने हासिल की जीत
तिरुवनंतपुरम: कई दशकों से कांग्रेस के कब्जे में रही पाला विधानसभा सीट को इस बार के उपचुनाव में केरल लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के (LDF) मणि सी कप्पन ने जीत दर्ज कर छीन लिया है। अप्रैल में केएम मणि की मृत्यु के बाद पाला विधानसभा की सीट खाली हो गई थी, जिसपर चुनाव कराया गया था। एलडीएफ के मणि सी कप्पन ने इस बार सोमवार को हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के अपने प्रतिद्वंद्वी से पाला निर्वाचन क्षेत्र में 2,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।
मणि सी कप्पन शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से हैं, जो केरल में एलडीएफ की सहयोगी है। पाला विधानसभा सीट पर बीजेपी ने एन हरि को मैदान में उतारा था। वहीं यूडीएफ के नेता जोस टॉम ने निर्दलीय चुनाव लड़ा जिसका फायदा एलडीएफ को मिला। इस सीट पर एलडीएफ को 54137, यूडीएफ को 51194 और एनडीए को 18044 वोट मिले हैं।
Congratulations, Pala! For the first time in 54 years, we are humbled and grateful that the people have reposed their trust in the Left here. #Pala #Kerala https://t.co/V9jZpVHRo9
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 27, 2019
दिवंगत केएम मणि 1965 से 13 बार पाला सीट से जीत चुके थे। जिसने उन्हें केरल में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले विधायक बना दिया। इस साल अप्रैल में 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, जिसे पाल विधानसभा की सीट खाली हो गई थी। यह जीत हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद एलडीएफ के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है।
पिछले लोकसभा चुनाव में एलडीएफ ने दक्षिणी राज्य की 20 संसदीय सीटों में से केवल एक पर जीत हासिल की थी, जहां वामपंथी परंपरागत रूप से मजबूत रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) के नेता सीताराम येचुरी ने एलडीएफ के उम्मीदवार को जीतने पर ट्वीट कर बधाई दी।
ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि मुबारकबाद, पाला 54 साल में पहली बार.. हम बहुत ही शुक्रगुजार हैं उन लोगों के लिए जिन्होंने लेफ्ट के विश्वास को बनाए रखा। इस साल के हुए लोकसभा चुनाव लेफ्ट गठबंध केवल अलापुजहा सीट पर करीब दस हजार मतों से जीत हासिल की थी।
वहीं अपने पारंपरिक गढ़ में जैसे कि अलाथुर, पलक्कड़, अटिंगल और कासरगोड पर एलडीएफ को हार का मुंह देखना पड़ा था और कांग्रेस-यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने जीत हासिल किया था। बता दें केएम मणि ने यूडीएफ सरकार में केरल के वित्त मंत्री के रूप में भी काम किया था। उनके पास केरल विधानसभा में अधिकतम 13 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।