नॉर्थ कोरिया में विदेशी टीवी शो देखने की सजा सुन रूह कांप जाएगी, पूर्व कैदी ने किया खुलासा
नई दिल्ली। उत्तरी कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन की तानाशाही और क्रूरता के किस्से अक्सर सुर्खियां बनती रहती है, लेकिन उत्तरी कोरिया के जेलों में बंद कैदियों के साथ अमानवीय और कष्टदायी किस्सों को लेकर जो खुलासा हुआ है, वह किसी का भी रूह कंपाने के लिए काफी है। उत्तर कोरिया के जेल से फरार एक पूर्व कैदी की मानें तो नॉर्थ कोरियाई तानाशाह विदेशी टीवी शो देखने के अपराध में बंद कैदियों को मृत कैदियों की जली हुई लाश की राख का पानी पीने के लिए देता है।
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उत्तर कोरिया की जेल से भागे एक कैदी ने सुनाई जुल्म की कहानी
डेली मेल पर उत्तर कोरिया की जेल से भागे एक कैदी द्वारा किए गए खुलासे में कहा गया है कि वहां विदेशी टीवी शो देखने के लिए भी भयानक सजा दी जाती थी। इन कैदियों को जेल में अपने मृत साथी कैदियों की राख से भरी नदी का पानी पीने पर मजबूर किया जाता था। उसने बताया कि उत्तर कोरिया के चोंचरी कंस्ट्रेशन कैंप में कैदियों के साथ जानवरों से भी बुरा व्यवहार किया जाता है।
मानवाधिकारों के लिए वाशिंगटन स्थित समिति (HRNK) को सुनाई दास्तां
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया के जेल से भागे कैदी ने नॉर्थ कोरिया में मानवाधिकारों के लिए वाशिंगटन स्थित समिति (HRNK) को बताया कि चोंचरी कंस्ट्रेशन कैंप में मृत कैदियों को शवों को जलाने से पहले एक गोदाम में रखा जाता है, जहां चूहे और अन्य जीव मृत लाशों को खाते भी थे। सुरक्षा कारणों से कैदी का नाम और पहचान रखने की बात कहते हुए एचआरएनके की टीम ने सैटेलाइट इमेज की मदद से कैदी द्वारा उल्लेखित बातों की पुष्टि भी की है।
टीवी चैनल देखने या ईसाई धर्म मानने मात्र से जेल में ठूंस दिया जाता है
टीम के मुताबिक नॉर्थ कोरिया के इस कैंप में विदेशी चैनल (दक्षिण कोरिया) का कोई टीवी चैनल देखने या फिर ईसाई धर्म का पालने करने मात्र से कैद कर लिए गए लोगों को रखा जाता है और एकाग्रता शिविर का हवाला देकर कैंप में कैदियों को क्रूरतम यातनाएं दी जाती हैं, जिससे हर हफ्ते कैंप में किसी न किसी कैदी की मौत हो जाती है।
सुरक्षा कारणों से कैदी के नाम और पहचान को गुप्त रखा गया है: HRNK
उत्तर कोरिया में मानव अधिकारों के लिए वाशिंगटन स्थित समिति (HRNK) ने इस कैदी का इंटरव्यू लिया है। सुरक्षा कारणों से कैदी के नाम और पहचान को गुप्त रखा गया है। उसने यह भी बताया कि मृत कैदियों के शवों को जलाने से पहले एक गोदाम में रखा जाता था, जहां चूहे और अन्य जीव उसे खाते भी थे। इस टीम ने सैटेलाइट इमेज की मदद से कैदी के कहे बातों की पुष्टि भी की है, जिन्हें कैंप के अंदर बने शवदाहगृह में जला दिया जाता है।
यातना से मौत के शिकार कैदियों के शव को हर सोमवार को जलाया जाता है
पहचान उजागर नहीं किए गए कैदी ने बताया कि कैंप में हर सोमवार को यातनाओं के कारण मौत के शिकार हुए कैदियों के शव को जलाया जाता है। कैंप में यातनाओं से मौत के शिकार हुए कैदियों के लाशों को एक गोल टैंक में रखा जाता है, जिसकी गंध से वहां बाकी कैदियों का रह पाना भी मुश्किल होता है। बाद में उनकी लाशों की जला दिया जाता है और लाश की राख को शवदाहगृह के बाद ढेर लगाकर रख देते हैं।
कैदियों की लाश की राख का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जाता है
कैदी की जुबानी, शवदाहगृह के बाहर कैदियों की लाश जलने से इकट्ठा हुए राख का इस्तेमाल वहां खेती में खाद के रूप में किया जाता है। बारिश के दौरान तो शवदाहगृह के बाहर जमा कैदियों की जली हुई लाश से निर्मित राख बहकर नदी मे मिल जाते है और कैदियों को उसी राख मिले पानी को पीने और नहाने के लिए दिया जाता है। उसने बताया कि कैंप में कैदियों की सर्वाधिक मौतें जेल अधिकारियों द्वारा दी गई शारिरिक और मानसिक शोषण से होती हैं।
किम जोंग उन की अमानवीयता की कहानी अक्सर सुर्खियां बंटोरती हैं
हालांकि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन की तानाशाही और अमानवीयता की कहानी अक्सर सुर्खियां बंटोरते रहे हैं। अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को तोप के उड़ाने, छोटी सी छोटी सी गलतियों पर अपने रिश्तेदारों तक को भूखे जंगली कुत्तों के सामने तक डलवा देने के लिए कुख्यात किम जोंग उन की तस्दीक खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर चुके हैं। जेल से फरार कैदी की कहानी किम जोंग उन की क्रूरता की एक और लेयर बस कही जा सकती है।
उत्तर कोरिया में लोग कल्पना से परे जुल्म को सह रहे हैं: मुख्य लेखक
रिपोर्ट के मुख्य लेखक जोसेफ एस बरमूडेज़ जूनियर ने कहा, हम जानते हैं कि उत्तर कोरिया में लोग कल्पना से परे जुल्म को सह रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तत्काल उत्तर कोरिया में गैरकानूनी कारावास किए गए अत्याचारों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। रिपोर्ट का सह-लेखन करने वाले अमांडा मोर्टवेड्ट ओह ने कहा कि उत्तर कोरिया में कैदियों को दी जाने वाली अमानवीय यातनाएं घृणा से परे है, जिसके लिए किम शासन को जिम्मेदार होना चाहिए। उत्तर कोरिया के जेलों में तथाकथित अपराधों की प्रकृति का खुलासा एचआरएनके के कार्यकारी निदेशक ग्रेग स्कारलेटियू ने किया, जिसमें कई कैदी आरोपी थे।
चोंगोरी एकाग्रता कैंप नॉर्थ कोरिया के उत्तर में है, जहां कैदियों पर होता है जुल्म
चोंगोरी एकाग्रता कैंप नॉर्थ कोरिया के उत्तर में है, जो उत्तरी चीनी सीमा से लगभग 15 मील की दूरी पर उत्तर हैमयोंग प्रांत में है, जहां गैरकानूनी रूप से सीमा पार करने के लिए 60 फीसदी कैदी के साथ लगभग 5,000 कैद है, जबकि वहां बंद अन्य 40 फीसदी को कैदी विदेशी टीवी देखने जैसे अपराधों के लिए दंडित किया जा रहा है। माना जाता है कि पूरे उत्तर कोरिया में करीब 120,000 लोग कैद हैं। हालांकि किम शासन ने शिविरों के भीतर किसी भी मानवाधिकार अपराधों से इंकार किया है।