राजमाता पर सिक्का जारी कर मोदी ने मध्य प्रदेश की 16 सीटों पर चला जीत का दांव
नई दिल्ली- मध्य प्रदेश के ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया की याद में 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत बड़ा सियासी दांव चला है। 3 नवंबर को राज्य में 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं और प्रदेश में बीजेपी सरकार के बने रहने के लिए इन चुनावों में पार्टी के लिए बड़ी जीत बहुत ही जरूरी है। जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से 16 सीटें ग्लालियर-चंबल संभाग में ही आती हैं, जहां हमेशा से सिंधिया राजघराने का दबदबा रहा है। 2018 के चुनाव में भी ये सारी सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों ने ही जीती थी, जो अब सिंधिया के साथ भाजपा में आ हो चुके हैं।
ग्वालियर-चंबल
अंचल
में
सिंधिया
की
प्रतिष्ठा
दांव
पर
आज
की
तारीख
में
ग्वालियर
राजघराने
के
सारे
सदस्य
राजमाता
विजयाराजे
सिंधिया
की
राह
पर
चल
पड़े
हैं।
खुद
राजमाता
जनसंघ
से
लेकर
भारतीय
जनता
पार्टी
के
संस्थापकों
में
शामिल
रही
हैं।
भाजपा
में
उनका
कद
बहुत
ही
सम्मानित
और
ऊंचा
है।
उनकी
बेटियां
बसुंधरा
राजे
और
यशोधरा
राजे
भी
बीजेपी
में
हैं।
बेटे
और
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
माधव
राव
सिंधिया
ने
भी
अपना
सियासी
करियर
जनसंघ
से
ही
शुरू
किया
था,
लेकिन
बाद
में
कांग्रेस
में
चले
गए
थे।
बीते
मार्च
तक
राजमाता
के
पोते
और
माधवराव
सिंधिया
के
बेटे
ज्योतिरादित्य
सिंघिया
भी
कांग्रेस
में
ही
थे,
लेकिन
अब
वह
भी
दादी
की
पार्टी
की
विचारधारा
से
जुड़
चुके
हैं।
यह
उपचुनाव
राज्य
में
बीजेपी
की
सरकार
बचाने
के
लिए
महत्वपूर्ण
है
तो
इसमें
खुद
सिंधिया
राजघराने
की
साख
भी
दांव
पर
लगी
हुई
है।
परिवार
के
तीन-तीन
सदस्य
भाजपा
के
कद्दावर
नेता
हैं।
ज्योतिरादित्य
सिंधिया
के
परिवार
की
एक
और
सदस्य
माया
सिंह
भी
बीजेपी
की
ओहदेदार
सिपाही
रही
हैं।
28
में
से
16
सीटें
ग्वालियर-चंबल
अंचल
की
3
नवंबर
को
प्रदेश
की
जिन
28
सीटों
पर
उपचुनाव
होने
जा
रहे
हैं,
उनमें
से
ग्वालियर-चंबल
संभाग
की
16
सीटें
सिंधिया
समर्थक
कांग्रेस
विधायकों
के
इस्तीफे
की
वजह
से
ही
खाली
हुई
हैं।
ये
सारे
विधायक
दिसंबर,
2018
में
हुए
मध्य
प्रदेश
विधानसभा
चुनाव
में
भी
सिंधिया
परिवार
के
समर्थन
की
बदलौत
ही
विधानसभा
तक
पहुंचे
थे।
लेकिन,
अब
कांग्रेस
अपने
इन
बागी
उम्मीदवारों
के
साथ-साथ
ज्योतिरादित्य
सिंधिया
को
गभी
द्दार
ठहराने
की
कोशिश
कर
रही
है।
ग्वालियर-चंबल
संभाग
की
जिन
सीटों
पर
इस
उपचुनाव
में
सिंधिया
राजघराने
की
प्रतिष्ठा
की
परीक्षा
होनी
है,
वे
हैं-
ग्वालियर,
ग्वालियर
पूर्व,
मुंगावली,मेहगांव,
जौरा,
सुमावली,
मुरैना,
दिमनी,
अंबाह,
भांडेर,
डबरा,करैरा,पोहरी,
भांडेर,
गोहद
और
अशोकनगर।
इनके
अलावा
मालवा-निमाड़
की
7
सीटों
पर
भी
सिंधिया
परिवार
का
प्रभाव
माना
जाता
है।
राजमाता
सिंधिया
पर
सिक्का
जारी
कर
भाजपा
ने
खेला
इमोशनल
कार्ड
ऐसे
में
ऐन
चुनाव
से
पहले
राजमाता
विजयाराजे
सिंधिया
के
सम्मान
में
100
रुपये
का
सम्मारक
सिक्का
जारी
करके
बीजेपी
सरकार
ने
इलाके
के
लोगों
के
लिए
बहुत
बड़ा
इमोशनल
कार्ड
चला
है।
इस
इलाके
में
राजमाता
का
सम्मान
आज
भी
बहुत
ज्यादा
है।
खुद
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
राजमाता
को
याद
करते
हुए
कहा
है
कि
वो
सिर्फ
वात्सल्यमूर्ति
ही
नहीं
थीं,
बल्कि
एक
निर्णायक
नेता
और
कुशल
प्रशासक
भी
थीं।
वो
एक
आध्यात्मिक
शख्सियत
थीं,
जिनके
मन
में
साधना,
उपासना
और
भक्ति
रची
बसी
हुई
थी।
उधर
मुख्यमंत्री
शिवराज
सिंह
चौहान
ने
भी
ग्वालियर
जाकर
राजमाता
की
छतरी
(समाधि)
पर
उन्हें
श्रद्धांजलि
देकर
इलाके
के
लोगों
को
एक
संदेश
देने
की
कोशिश
की
है।
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