रिपोर्ट: 2050 तक दक्षिण भारत में 20% से अधिक लोग पार कर जाएंगे 65 साल का आंकड़ा
नई दिल्ली। भारत के दक्षिणी राज्यों में बुढ़े लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से मंगलवार को जारी एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि इन राज्यों में 2050 तक कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत से अधिक लोगों की उम्र 65 वर्ष से अधिक होने की संभावना है। इस रिपोर्ट में अनुमान बताया गया है कि 2050 तक कुल मिलाकर, 178 करोड़ से अधिक भारतीय 65 वर्ष से अधिक आयु के होंगे।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए अनुमानित आंकड़ा 30 फीसदी, केरल के लिए 25 फीसदी, कर्नाटक के लिए 24.6 फीसदी और तमिलनाडु के लिए 20.8 फीसदी है। लोगों की उम्र में वृद्धि की वजह से इन राज्यों में कामकाज पर भी दबाव पड़ने की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण राज्यों की प्रति व्यक्ति आय उत्तीर समकक्षों की तुलना में पहले से ही काफी अधिक है।
दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या वृद्धि के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, प्रति व्यक्ति आय अंतर पर ध्यान देने की बात भी कही गई है। अन्य राज्य जहां ऑल इंडिया एवरेज के हिसाब से वृद्धावस्था जनसंख्या 15.1 प्रतिशत से अधिक है उसमें हिमाचल प्रदेश (17.9), महाराष्ट्र (17.4), पश्चिम बंगाल में (17) और ओडिशा में (16.5) हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर (2000-2011) के बीच क्रमशः 25.1, 22.6 और 22.3 प्रतिशत है। इसकी तुलना में, आंध्र प्रदेश (अविभाजित) जैसे दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर सबसे कम 11.1 प्रतिशत है।
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