बर्दवान विस्फोट में आया NIA कोर्ट का फैसला, 4 आतंकियों को 7 साल की सजा
नई दिल्ली: लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार बुधवार को बर्दवान विस्फोट मामले में एक और फैसला आ गया। इस दौरान एनआईए की विशेष अदालत ने 2014 में हुए विस्फोट के मामले में जमात-उल-मुजाहिदीन के चार आतंकियों को 7 साल की सजा सुनाई है। इस विस्फोट में बांग्लादेश के आतंकी संगठन का हाथ था। इससे पहले 2019 में 24 लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया था।
दरअसल अक्टूबर 2014 में बर्दवान जिले के खागरागढ़ में एक किराए के मकान में कुछ आतंकी छिपे हुए थे। जब वहां पर आतंकी बम बना रहे थे, तभी धमाका हो गया। जिसमें दो की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। बाद में इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई। जिसमें पता चला कि सभी आतंकियों का संबंध बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन से था। वो बंगाल में एक बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे।
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इस मामले की चार्जशीट में 33 अभियुक्तों का नाम था। जिसमें से पुलिस और एनआईए ने 31 को गिरफ्तार किया। इसमें से 19 आरोपियों को अगस्त 2019 में और 5 आरोपियों को नवंबर 2019 में दोषी ठहराया गया था। वहीं बाकी 3 गिरफ्तार और 2 फरार आरोपियों के खिलाफ सुनवाई अभी जारी रहेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी बंगाल की मौजूदा सरकार को आतंकी गतिविधियों के जरिए हटाना चाहते थे।