जानिए हर साल कितनी बिजली खर्च होगी बुलेट ट्रेन पर
नई दिल्ली। भारत की पहली सुपरफास्ट बुलेट ट्रेन जोकि मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी, उसकी बिजली की खपत की बात करें तो यह दिल्ली मेट्रो की तुलना में 40 फीसदी अधिक बिजली का इस्तेमाल करेगी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पेोरेशन के एक अनुमान के अनुसार बुलेट ट्रेन में बिजली की काफी ज्यादा खपत होगी। एनएचएसआरसीएल के अनुसार जब बुलेट ट्रेन की शुरुआत हो जाएगी तो इसमे 1100 मिलियन यूनिट बिजली का खर्च हर साल होगा। वहीं दिल्ली मेट्रो से अगर इसकी तुलना करें तो यह कुल 236 स्टेशन पर 350 किलोमीटर चलती है, इसपर कुल खर्च 850 मिलियन यूनिट बिजली का खर्च हर साल आता है।
दिल्ली मेट्रो से कहीं अधिक बिजली की खपत
अधिकारियों ने बताया कि बुलेट ट्रेन में अधिक बिजली की खपत की बड़ी वजह यह है कि जिस स्पीड से यह चलती है उसके लिए अधिक ऊर्चा की आवश्यकता होती है। वहीं मेट्रो ट्रेन में रीजेनेरेटिंग ब्रेकिंग तकनीक होती है जिसकी वजह से ब्रेक लगाने से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उसका फिर से ट्रेन चलाने में इस्तेमाल होता। यही वजह है कि दिल्ली मेट्रो में कम बिजली की खपत होती है। एनएचएसआरसीएल के अनुसार गुजरात से महाराष्ट्र के बीच तकरीबन 350 किलोमीटर की दूरी के बीच हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी। जिसकी नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल सितंबर 2017 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ रखी थी।
2022 तक शुरू होगी बुलेट ट्रेन
माना जा रहा है कि भारत में बुलेट ट्रेन का संचालन 2022 तक शुरू हो जाएगा। देश की यह पहली बुलेट ट्रेन होगी जोकि 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। हाल ही में शुरू की गई ट्रेन 18 ने दिल्ली से वाराणसी के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरी पर दौड़ी थी। 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन 18 देश की सबसे तेज रफ्तार चलने वाली ट्रेन है। एनएचएसआरसीएल ने बुलेट ट्रेन के लिए पहले ही बिजली कंपनियों से करार किया है जोकि हर साल बुलेट ट्रेन के संचालन के लिए 1100 मिलियन यूनिट बिजली मुहैया कराएंगी।
बिजली कंपनियों के साथ करार
आने
वाले
समय
के
साथ
बुलेट
ट्रेन
के
लिए
बिजली
की
खपत
बढ़ेगी।
2033,
2045,
2055
में
बुलेट
ट्रेन
के
संचालन
के
बढ़ने
के
साथ
ही
अधिक
बिजली
की
आवश्यकता
होगी।
एनएचएसआरसीएल
की
एमडी
आंचल
खरे
ने
बताया
कि
विस्तृत
अध्ययन
के
बाद
हमने
सब
स्टेशन
की
जगह
को
फाइनल
किया
है।
बिजली
की
खपत
के
लिए
हमने
ऊर्जा
कंपनियों
के
साथ
करार
किया
है
ताकि
ट्रांसमिशन
लाइन
पर
काम
शुरू
किया
जा
सके।
आपको
बता
दें
कि
इस